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बिहार में निबंधन विभाग और बासा आमने-सामने, निबंधन विभाग ने दिया बासा का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का नोटिस

बासा के प्रेसिडेंट शशांक शेखर ने कहा कि मुझे अभी निबंधन विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है. नोटिस मिलने पर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जायेगा.

बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) और बिपार्ड के महानिदेशक व मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमाने-सामने आ गये हैं. बिहार लोकसेवा एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) की ट्रेनिंग पर सवाल उठाने वाले बासा का निबंधन रद्द करने का नोटिस मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने दिया है. विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक काशी कुमार की ओर से जारी नोटिस में बासा के बाइलॉज को लेकर कई सवाल उठाए गये हैं.

सात दिनों में मांगा जवाब

सभी सवालों के जवाब सात दिनों में मांगे गये हैं. इसमें सबसे पहले सात दिसंबर को बासा की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसके लिए जारी नोटिस की छाया काॅपी निबंधन विभाग ने मांगी है. इसमें कहा गया है कि केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की सूचना कितने दिन पहले देने का प्रावधान है और कोरम क्या है. निबंधन विभाग ने बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों के हस्ताक्षर वाले रजिस्टर और पारित प्रस्ताव की कॉपी मांगी है.

मधुबनी में हुए विवाद पर नजर रखने को भी बनाया मुद्दा

निबंधन विभाग ने बासा के बाइलाॅज के सहारे ही कई सवाल खड़े किये हैं. दरअसल, पिछले दिनों मधुबनी सदर के अनुमंडलाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी के बीच हुए विवाद पर बासा के पदाधिकारियों ने कहा था कि इस घटना पर एसोसिएशन की पैनी नजर है. निबंधन विभाग ने कहा कि बासा के किस बाइलाॅज में किसी घटना पर पैनी नजर रखने का उल्लेख किया गया है, इसकी जानकारी विभाग को दें.

अभी कोई नोटिस नहीं मिला है : बासा

बासा के प्रेसिडेंट शशांक शेखर ने कहा कि मुझे अभी निबंधन विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है. नोटिस मिलने पर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जायेगा.

बासा ने ट्रेनिंग प्रक्रिया पर उठाये सवाल, बिपार्ड ने रद् कर दी ट्रेनिंग

पिछले दिनों बासा द्वारा बिपार्ड की ट्रेनिंग प्रक्रिया को मिलिट्री जैसी ट्रेनिंग कहे जाने और इसकी शिकायत मुख्य सचिव से करने के बाद बिपार्ड ने बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रस) के पदाधिकारियों की ट्रेनिंग रद्द कर दी. संस्थान की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि उप-समाहर्ता संवर्ग में एक विशेष प्रकार की अनुशासनहीनता और स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझने की मानसिकता है. वे अन्य सेवाओं के पदाधिकारियों को हीन व दाेयम दर्जे का समझते हैं.

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