LAC Row: अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का मामला सामने आया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 9 दिसंबर को चीनी पीएलए और भारतीय सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में संघर्ष हुआ. भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया है. साथ ही बताया गया कि घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की तुलना में अधिक है. वहीं, कांग्रेस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पार्टी मंगलवार को संसद में अरुणाचल में भारत-चीन सीमा विवाद का मुद्दा उठाएगी. इधर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अपनी प्रतिक्रिया में पीएम मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि तवांग झड़प को छुपाकर देश को अंधेरे में रखा गया.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि संघर्ष के तुरंत बाद दोनों पक्ष इलाके से पीछे हट गए. चीनी पीएलए सैनिकों की संख्या लगभग 300 थी, जो भारी तैयारी के साथ आए थे. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका सामना करने के लिए भारतीय सैनिक पूरी तरह से तैयार होंगे. बताया गया कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प में घायल हुए भारतीय सैनिकों को असम के गुवाहाटी में एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इधर, कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी कि कांग्रेस पिछले दो साल से सीमा पर चीन की हरकतों को लेकर सरकार को बार-बार जगाने की कोशिश की. लेकिन, मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है. इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है. जयराम रमेश ने आरोप लगाया, देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं. उन्होंने कहा, उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है.
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