औरंगाबाद. मदनपुर रेंज अंतर्गत बल्हावार के कानीडीह पहाड़ में हाथियों के झुंड ने डेरा डाल दिया है. इस वजह से आसपास के गांवों के ग्रामीण दहशत में है. वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने ग्रामीणों को पहाड़ के समीप जाने से रोक दिया है. वन कर्मियों ने बताया कि हाथियों का दल बल्हाबार गांव के समीप कानिडीह पहाड़ में अपने बच्चों के साथ डेरा जमाये है. वन विभाग की टीम हाथियों पर निगरानी रख रही है. गौरतलब है कि शनिवार की रात मदनपुर वन क्षेत्र में हाथियों का झुंड प्रवेश कर गया था. हाथियों के दल की सूचना के बाद मदनपुर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उनकी निगरानी कर रहे हैं.
फॉरेस्टर बैजनाथ सिंह ने बताया कि छह से सात की संख्या में हाथियों के साथ उनके बच्चे होने की वजह से वे तेजी से चल नहीं पा रहे हैं. इसलिए संभावना है कि एक-दो दिन कानीडीह के पहाड़ में उनका डेरा रहेगा. सोमवार की शाम तक सभी हाथी एक साथ हैं. वन कर्मियों ने यह भी बताया कि हाथियों का दल बिछड़ने के बाद आक्रामक हो जाता है. जब तक हाथी पहाड़ में रहे उस दिशा में कोई ग्रामीण नहीं जायें. इसके लिए अलग-अलग दिशा में वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है.
इधर, हाथियों की चपेट में आने से तीन लोगों को घायल होने की सूचना है. जानकारी के अनुसार, बनोखर गांव निवासी प्रेमन भुइंया, बल्हाबार निवासी डोमन भुइंया व चांद बिगहा निवासी रंजन भुइंया घायल हुए है. इनमें प्रेमन भुइंया अपनी बहन के घर सहियारी आया हुआ था. किसी तरह वह एक हाथी की चपेट में आ गया. डोमन भुइंया अपने खेत में लगे धान की फसल का निगरानी कर रहा था. उसे हाथी ने पटक दिया, जबकि रंजन भुइंया हाथी को देखने पहुंचा था और वह भागने के क्रम में घायल हो गया.
जंगली हाथियों के पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचने से आसपास गांव के ग्रामीण दहशत में जिंदगी गुजार रहे हैं. हाथी प्रभावित गांव के लोग जान व माल की रक्षा के लिए अब रतजगा कर रहे हैं. अपने बहन के गांव सहिआरी आया भनोखर गांव निवासी प्रेम अंगुलियां हाथी की चपेट में आकर घायल हो गया वही वाला बार निवासी डोमन घुमिया अपने खेत में धान की फसल रखवाली कर रहा था जो हाथी के चपेट में आकर घायल हो गया उसने बताया कि दो बीघा धान की फसल हाथी ने चौपट कर दिया है. इधर, चांद भीगा निवासी रंजन भुइंया हाथी देखने गया था, जो हाथी देखकर भागने के क्रम में गिरकर घायल हो गया.
बता दे कि नीमा आजम पंचायत के कानीडीह पहाड़ में दो दिनों से हाथी डेरा डाले हुए हैं .वह कभी गांव के समीप भी आ धमकते हैं. वैसे हाथियों को देखने के लिए पहाड़ पर ग्रामीणों की भीड़ लगी हुई है. इससे वन विभाग की टीम को और परेशानी बढ़ गयी है. बंगाल के बांकुड़ा से बुलाया गया हाथी भगाने वाले को.
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रेंजर सत्येंद्र ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से हाथियों को भगाने वाले एकस्पर्ट को बुलाया गया है. सोमवार की रात तक वन क्षेत्र में पहुंच जायेंगे. अनोखे विधि अपनाकर हाथियों को पहाड़ी इलाके से खदेड़ा जायेगा.