Google Doodle Today : आज का गूगल डूडल (Google Doodle) मारिया टेल्क्स (Maria Telkes) को समर्पित है. आज उनका जन्मदिन है. सर्च इंजन गूगल (Search Engine Google) ने अपने होमपेज पर सौर ऊर्जा वैज्ञानिक मारिया टेल्क्स (Maria Telkes) के सम्मान में एक एनिमेटेड डूडल (Google Doodle) लगाया है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने और उपलब्धियां हासिल करने की वजह से इन्हें ‘द सन क्वीन’ (The Sun Queen) निकनेम भी मिला है.
मारिया टेल्क्स का मानना था कि सूर्य की शक्ति (ऊर्जा) मानव जीवन को बदल सकती है, और शायद वे सही थीं. मारिया टेल्क्स का जन्म (Maria Telkes Birth Anniversary) 12 दिसंबर, 1900 को बुडापेस्ट के हंगरी शहर में हुआ था और उन्होंने 1924 में यूनिवर्सिटी ऑफ बुडापेस्ट (University of Budapest) से पीएचडी सहित साइंस में पूरी शिक्षा प्राप्त की. अगले साल वह संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं और एक बायोफिजिसिस्ट के रूप में एक पद स्वीकार किया.
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‘द सन क्वीन’ मारिया टेल्क्स 1937 में अमेरिकी नागरिक बन गईं. डॉ मारिया टेल्क्स ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में सौर ऊर्जा समिति के सदस्य के रूप में अपना करियर जारी रखा. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, उन्हें अमेरिकी सरकार द्वारा सौर डिस्टिलर विकसित करने में मदद करने के लिए बुलाया गया था, जो समुद्री जल को ताजे पानी में परिवर्तित कर देता था. इस जीवन रक्षक आविष्कार का उपयोग पैसिफिक थियेटर में तैनात सैनिकों द्वारा किया गया था.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, डॉ मारिया टेल्क्स एक सहयोगी अनुसंधान प्रोफेसर के रूप में एमआईटी लौट आयीं. साल 1948 में उन्होंने आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ साझेदारी में ‘डोवर सन हाउस’ बनाया. सौर-तापित घर एक बड़ी सफलता थी, जिसके लिए मारिया को जनता के बीच ‘सौर ऊर्जा’ शब्द को लोकप्रिय बनाते हुए मीडिया में दर्शाया गया था. डॉ टेल्क्स का प्रेरक करियर सफलता और नवोन्मेष से भरा था. उन्हें फोर्ड फाउंडेशन द्वारा नियुक्त किया गया था और उन्होंने एक सोलर ओवन डिजाइन बनाया, जो आज भी उपयोग किया जाता है. उन्होंने एनवाईयू, प्रिंसटन विश्वविद्यालय और डेलावेयर विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुसंधान सौर ऊर्जा में भी मदद की. डॉ टेल्क्स ने 20 से अधिक पेटेंट अर्जित किये और कई ऊर्जा कंपनियों के लिए सलाहकार के रूप में काम किया. यही वजह है कि उन्हें आगे चलकर ‘द सन क्वीन’ के नाम से भी जाना गया. डॉ मारिया टेल्क्स के लिए आज की तारीख यानी 12 दिसंबर इसलिए भी खास है क्योंकि वर्ष 1952 में आज ही के दिन वह ‘द सोसाइटी ऑफ वूमेन इंजीनियर्स अचीवमेंट अवार्ड’ पाने वाली पहली महिला बनीं थीं.