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Jharkhand News: झारखंड के 300 प्लस टू स्कूलों में कॉमर्स में विद्यार्थी नहीं, इन विषयों के तरफ बढ़ा रुझान

संस्कृत, जीवविज्ञान, भूगोल जैसे विषयों में भी विद्यार्थियों की संख्या कम है. कई ऐसे विषय है, जिनमें अब धीरे-धीरे नामांकन कम हो रहा है. रांची विश्वविद्यालय के कॉलेजों व डीएसपीएमयू में स्नातक में भी कुछ ऐसे विषय हैं, जहां नामांकन लेने में विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं

झारखंड में कॉलेज से लेकर स्कूल तक में कई विषयों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. रांची विश्वविद्यालय के कॉलेजों में कुछ विषयों में इस वर्ष दस से भी कम विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है. कुछ विषयों में तो आलम यह है कि विद्यार्थी से अधिक शिक्षक हैं. रांची विवि के गृह विज्ञान विभाग में नामांकित विद्यार्थियों की तुलना में शिक्षक अधिक हैं. राज्य में 510 प्लस टू विद्यालय हैं. इनमें से लगभग 300 विद्यालयों में कॉमर्स के विद्यार्थी नहीं हैं.

संस्कृत, जीवविज्ञान, भूगोल जैसे विषयों में भी विद्यार्थियों की संख्या कम है. कई ऐसे विषय है, जिनमें अब धीरे-धीरे नामांकन कम हो रहा है. रांची विश्वविद्यालय के कॉलेजों व डीएसपीएमयू में स्नातक में भी कुछ ऐसे विषय हैं, जहां नामांकन लेने में विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसमें बांग्ला, मानवशास्त्र, मनोविज्ञान, हो, खड़िया, कुरमाली, दर्शनशास्त्र शामिल हैं. दूसरी ओर कंप्यूटर साइंस, आइटी, बीसीए, बीबीए जैसे वोकेशनल विषयों में छात्रों की संख्या बढ़ रही है. जिन विषयों में स्नातक में नामांकन कम हो रहे हैं, उनमें स्नातकोत्तर में भी नामांकन उसी अनुपात में घटा है.

राज्य गठन के बाद 2000 हाइस्कूल और 500 से अधिक प्लस टू विद्यालय खुले. इनमें शिक्षकों के पद सृजन से लेकर नियुक्ति तक हुई. शिक्षकों की नियुक्ति तो हो गयी, पर अब इनमें से कई विषयों में विद्यार्थी ही नहीं है. बिना विद्यार्थी के शिक्षकों का पदस्थापन भी हो गया. प्लस टू स्कूल में 1992 में चिह्नित विषय के आधार पर पढ़ाई हो रही है. वहीं हाइस्कूल में एकीकृत बिहार के बाद झारखंड में एक बार विषयों को चिह्नित किया गया, जिसमें हाइस्कूल स्तर पर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा का पद सृजित किया गया था. हाइस्कूल में अब भी कृषि, एकाउंट जैसे विषयों के पद सृजित हैं. मैट्रिक स्तर पर अब इन विषयों की पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी नहीं के बराबर है.

किस कॉलेज में किस विषय में क्या है स्थिति

डोरंडा कॉलेज

बॉटनी 06

साइकोलॉजी 16

फिलॉसफी 07

मारवाड़ी कॉलेज (बालक)

बांग्ला 01

सोशियोलॉजी 41

रामलखन सिंह यादव कॉलेज

एंथ्रोपोलॉजी 12

बांग्ला 01

केमेस्ट्री 09

फिजिक्स 08

साइकोलॉजी 09

फिलॉसफी 02

वीमेंस कॉलेज

एंथ्रोपोलॉजी 02

फिलॉसफी 09

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि

बांग्ला 00

हो 04

खड़िया 09

कुरमाली 16

उड़िया 00

एसएस मेमोरियल कॉलेज

बॉटनी 02

फिजिक्स 01

साइकोलॉजी 11

जेएन कॉलेज

एंथ्रोपोलॉजी 03

केमेस्ट्री 02

इकोनॉमिक्स 14

फिजिक्स 01

साइकोलॉजी 06

सोशियोलॉजी 03

जूलॉजी 04

फिलॉसफी 01

हाइस्कूल में कंप्यूटर सांइस का पद नहीं

हाइस्कूल में नये सिरे से आवश्यकता अनुरूप पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके तहत नये स्कूलों में कंप्यूटर साइंस का पद भी सृजित किया जा रहा है, लेकिन पहले के विद्यालयों में कंप्यूटर साइंस का पद नहीं है. राज्य सरकार ने प्लस टू स्कूलों में कंप्यूटर साइंस, आइटी जैसे विषयों के पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की है.

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