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महाराजा संग्रहालय में रखे धरोहर से छेड़छाड़ पर लोगों में गुस्सा, कुलसचिव ने प्रभारी से मांगा स्पष्टीकरण

मिथिला विश्वविद्यालय के नरगौना पैलेस स्थित महाराजा कामेश्वर सिंह समृति संग्रहालय की अमूल्य धरोहरों के साथ किये गये खिलवाड़ का मामला अब तूल पकड़ लिया है. धरोहर प्रेमियों में रोष है, वहीं मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने इस संबंध में विश्वविद्यालय थाने में एक सनहा दर्ज कराया है.

दरभंगा. मिथिला विश्वविद्यालय के नरगौना पैलेस स्थित महाराजा कामेश्वर सिंह समृति संग्रहालय की अमूल्य धरोहरों के साथ किये गये खिलवाड़ का मामला अब तूल पकड़ लिया है. धरोहर प्रेमियों में रोष है, वहीं मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने इस संबंध में विश्वविद्यालय थाने में एक सनहा दर्ज कराया है. इधर, अब राज परिवार ने भी इस अशोभनीय घटना पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस भेजा है. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले में संग्रहालय के प्रभारी इतिहास विभाग के अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा है. उन्हें तीनों के भीतर जबाव देने को कहा गया है.

राज परिवार ने वकील के माध्यम से भेजा नोटिस

दरभंगा राज परिवार ने वकील के माध्यम से यूनिवर्सिटी के कुलसचिव को कोर्ट नोटिस जारी कर मामले के संबंध में जानकारी मांगी है, साथ ही दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं इस धरोहर के रखरखाव के लिए समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है. दरभंगा महाराज के वंशज कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि महाराज की निजी वस्तुओं को संग्रहालय का रूप दिया गया था. यहां संग्रहालय नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है, जो विवि के लिए शर्मनाक है. जिस कमरे में छात्र उत्पात मचा रहे थे, वह महाराज कामेश्वर सिंह का निजी कमरा था, जहां उनकी मृत्यु हुई थी. जिसे एक संग्रहालय का रूप दिया गया है. जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे पूर्व मिथिला स्टूडेंट यूनियन के अभिषेक कुमार झा ने विवि थाने को आवेदन देकर धरोहर के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.

जो कुछ हुआ वो नियम के अनुकूल नहीं है : कुलसचिव 

दूसरी ओर कुलसचिव मो मुश्ताक अहमद ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है. इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो नैयर आजम से स्पष्टीकरण पूछा गया है. पूरे प्रकरण पर तीन दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा है. प्रो. मुश्ताक अहमद ने माना कि जो कुछ हुआ वो नियम के अनुकूल नहीं है. वह नहीं होना चाहिए था. इधर, पीजी इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नैयर आजम ने कहा कि थर्ड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने संग्रहालय में रखी धरोहर को देखने एवं इसका इतिहास जानने की इच्छा जताई थी. वे 9 छात्र-छात्राओं से अंडरटेकिंग्स लेकर 8 दिसंबर को संग्रहालय दिखाने गये थे. इसी बीच, वो थोड़ी देर के लिए संग्रहालय से बाहर आये और उसी दौरान ये सब हो गया. उन्होंने कहा कि वहां रखी वस्तुओं की गरिमा के संबंध में उन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाया भी था.

क्या है मामला

मिथिला विवि में इतिहास विभाग के थर्ड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने नरगौना पैलेस स्थिति महाराजा कामेश्वर सिंह स्मृति संग्रहालय में रखी धरोहर को देखने एवं इसका इतिहास जानने की इच्छा जताई. संग्रहालय के प्रभारी और विभागाध्यक्ष ने 9 छात्र-छात्राओं से अंडरटेकिंग्स लेकर 8 दिसंबर को संग्रहालय दिखाने ले गये. वहां इन छात्र-छात्राओं ने महाराजा की निजी उपयोग की प्रदर्शित वस्तुओं के साथ छेड़छाड़ की. उनके वस्त्रों, बिस्तर, तस्वीरों एवं रखी हुई कई कीमती चीजों को अवैध रूप से छात्र इधर से उधर फेंक रहे. कुछ लड़के लड़कियां मजाकिया अंदाज में खेलते दिखाई दे रहे हैं. कोई उनका टोपी पहल कर सेल्फी लेने लगा तो कोई उनके विस्तर पर सो गया, कोई सोफा पर जाकर बैठ गया. यहां रखे सभी सामान एंटीक हैं. जिनकी कीमत की कल्पना नहीं की जा सकती है. कुछ धरोहरों को इससे क्षति पहुंची है. यह मामला तब सामने आया जब छेड़छाड़ करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिया गया. जिसके बाद धरोहरों से लगाव रखने वाले लोग इसे सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर है.

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