भागलपुर: सैंडिस कंपाउंड के चारों तरफ की सड़कों पर वन-वे परिचालन की व्यवस्था शुरू हुए 207 दिन गुजर गये, लेकिन आज तक वन-वे का एक संकेतक बोर्ड नहीं लगाया जा सका. वन-वे का यह मार्ग शहर के तीन प्रमुख व व्यस्ततम चौराहे को जोड़ता है, लेकिन हर चौराहे पर लोग आज भी भ्रमित हो जाते हैं. सबसे बड़ा भ्रम हाल ही में लगाये गये डिवाइडर की पतली-सी लोहे की दीवार खड़ी कर देने से खड़ा हो गया है.
शाम होने पर यह आसानी से दिखता नहीं है. इसके कारण कई गाड़ियां टकराते-टकराते बचती हैं, तो कुछ गाड़ियां टकरा जाती है और उस पर सवार लोग घायल हो जाते हैं. भ्रम पैदा होने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि वन-वे वाली सड़कों पर डिवाइडर लगा कर टू-वे बना दिया गया है. इस वजह से लोग वन-वे की विपरीत दिशा से भी घुस जाते हैं और बाद में पुलिस को उन्हें रोक कर बकझक करना पड़ता है.
घंटाघर चौक स्थित सड़क पर लगे डिवाइडर से स्कूटी टकराने से सवार दो युवक गुरुवार को गंभीर रूप से घायल हो गये थे. सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए मायागंज अस्पताल भेज दिये गये थे. घायल युवक रेलवे कॉलोनी निवासी आर्यन राज व तिलकामांझी निवासी रीतिक झा घायलों का कहना था कि अंधेरा रहने के कारण डिवाइडर दिखा नहीं और टकरा गये. यही स्थिति मनाली चौक, कचहरी चौक और तिलकामांझी चौक की भी है. यहां लोहे का पतला-सा डिवाइडर लगा दिया गया है, जबकि यह वन-वे है.
कोहरे के दौरान वाहनों का एक्सीडेंट बढ़ जाता है. कारण, दृश्यता कम होने की वजह से लोगों को सामने की चीजें या गाड़ियां दिखाई नहीं देती हैं. अभी कोहरा नहीं छा रहा है, फिर भी डिवाइडर नहीं दिख रहा है. ऐसे में कोहरा गहराने के दौरान हादसों को रोक पाने में बड़ी कठिनाई होने के आसार हैं.
विशेषज्ञों व आमलोगों की राय सुनें, तो उनका कहना है कि वन-वे वाली सड़कों पर एक ही तरफ से गाड़ियां चलती हैं और जाम से मुक्ति के लिए डिवाइडर वहां लगाया जाता है, जहां दोनों तरफ से गाड़ियां चलती हैं. ऐसी स्थिति में मनाली चौक, कचहरी चौक और तिलकामांझी चौक के वन-वे वाली सड़कों पर डिवाइडर का क्या काम. अगर डिवाइडर लगाना बेहद जरूरी है, तो लगाये गये डिवाइडर की दृश्यता (दिखाई पड़ने की स्थिति) कम होने के कारण उसमें रिफ्लैक्टर लगाया जाये. रिफ्लैक्टर पर वाहन की रोशनी पड़ते है डिवाइडर दिख जायेगा और वाहन चालक समय रहते संभल जायेंगे.
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने 13 मई, 2022 नगर निगम क्षेत्र में जाम के निराकरण पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठक की थी. वन-वे को लेकर तैयार प्रस्ताव पर यह निर्णय लिया गया था कि तिलकामांझी चौक से कचहरी चौक और कचहरी चौक से मनाली चौक होते हुए तिलकामांझी चौक तक वन-वे लागू किया जायेगा. इसके बाद 17 मई, 2022 को वन-वे का परिचालन सैंडिस के चारों तरफ की सड़कों पर शुरू किया गया.