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बिहार में सूखे नशे का शिकार हो रहे युवा, BJP ने शराबबंदी को लेकर केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की

Liquor ban in bihar: बीजेपी के सांसद रामकृपाल यादव ने बिहार में शराबबंदी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद से राज्य में युवा बड़ी संख्या में सूखा नशा के जद में आ रहे हैं.

Patna news: पूर्व केंद्रीय मंत्री व पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बिहार में लगातार बढ़ रही सूखे नशे की समस्या का मुद्दा उठाया. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.

सूखा नशा का शिकार हो रहे युवा

रामकृपाल यादव ने कहा कि पटना और बिहार के अन्य इलाकों में शराबबंदी के बाद नयी प्रवृति बढ़ती जा रही है. उन्होंने ने लोकसभा के जरिए बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद बिहार के युवाओं में सूखा नशा गलत तेजी से बढ़ती जा रही है बिहार के युवा और विशेषकर नाबालिग भी सुलेशन सूंघ कर नशा कर रहे हैं.

इतना ही नहीं ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा, चरस भांग के लती होते जा रहे हैं, जो बिहार के युवाओं का भविष्य अंधकार में ले जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिहार में पुलिस व्यवस्था निरंकुश साबित हो रही है.

नशे के बाद आपराधिक घटनाओं को दे रहे अंजाम

गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बाद युवा वर्ग सूखा नशा जैसे गांजा, हेरोइन, ड्रग्स और अफीम का सेवन करने लगे हैं. युवा नशे और महंगे शौक के लिए लूटपाट जैसे वारदात के साथ-साथ हत्या जैसे गंभीर अपराध को भी अंजाम दे रहे (हैं. नशा के लिए चोरी, छिनतई और लूटपाट की घटनाएं आम हो गयी है. इन सब में ऐसे युवा शामिल हो, जिन्हें किसी ना किसी नशे का लत है.

शराबबंदी के बाद सूखा नशा का कारोबार बढ़ा

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की साल 2018 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 के बाद राज्य के विभिन्न जगहों से गांजे और मादक पदार्थों की बड़ी मात्रा में जब्ती की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 13897.09 किलो गांजा, 251.43 किलो चरस, 3.2 किलो हेरोइन और 5.5 किलो अफीम बरामद किया गया था. साल 2014 में बिहार में 6 मामलों में 333 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया और 8 की गिरफ़्तारी हुई है.

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