जमशेदपुर में सिविल सर्जन ऑफिस के पास चल रहे मनोरोग विभाग में दवा की कमी हो गयी है. इस कारण मनोरोग ओपीडी से प्रतिदिन लगभग 30 से 40 मरीज बिना दवा के लौट रहे हैं. ओपीडी के डॉक्टर जांच कर दवा लिख रहे हैं, लेकिन मरीजों को बाहर से दवा लेनी पड़ रही है. खास कर गरीब मरीजों की बीच में ही दवा छूट जा रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है. पूरे जिले में इस समय 940 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिनमें 535 ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले हैं.
ब्लॉक मरीज
पोटका 130
पटमदा 155
बहरागोड़ा 180
घाटशिला 70
मुसाबनी 60
डुमरिया 40
जिला मनोरोग विभाग द्वारा हर माह छह ब्लॉक में शिविर लगा कर मनोरोगियों की जांच की जाती थी, लेकिन दवा नहीं होने व आने जाने की परेशानियों की वजह से सभी शिविर बंद कर दिये गये हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों को न तो दवा मिल रही है, न ही उनकी जांच हो रही है. मनोरोग विशेषज्ञ डॉ महेश हेंब्रम ने बताया कि अगर कोई मरीज बीच में दवा छोड़ देता है, तो उसकी बीमारी बढ़ जाती है. उसके बाद दवा की खुराक भी बढ़ जाती है. ज्यादा दिनों तक दवा छोड़ने से बीमारी लाइलाज हो जाती है.
जिला मनोरोग विभाग में दवा की कमी है. टेंडर निकाला गया है. 23 दिसंबर 2022 तक टेंडर फार्म सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करना है. 24 दिसंबर को टेंडर खोला जायेगा. इसके बाद दवा का आर्डर दिया जायेगा.
डॉ साहिर पाल, सिविल सर्जन