Gorakhpur News: गोरखपुर महानगर में लगभग 3800 ई रिक्शा (Electric rickshaw) सड़क पर दौड़ रहे हैं. उनमें से करीब 800 ई रिक्शा महज 150 लोगों के नाम ही रजिस्टर्ड हैं. दरअसल, कुछ लोगों ने ई-रिक्शा को व्यापार बना लिया है. कुछ लोग तो दर्जनों ई-रिक्शा खरीदकर उसे किराए पर चलवा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग ने अब एक नाम पर एक से अधिक ई-रक्शा लेने पर पंजीकरण बंद कर दिया है.
मनमाने संचालन पर लगेगा अंकुश
साथ ही ई-रिक्शा मालिक को परिवहन विभाग में शपथ पत्र भी देना होगा कि, उन्होंने एक ही ई रिक्शा लिया है. एक से अधिक ई-रिक्शा लेने पर परिवहन विभाग में पंजीयन नहीं होगा. साथ ही वे ड्राइविंग लाइसेंस के साथ निर्धारित रूट पर ही ई रिक्शा का संचालन करेंगे. परिवहन विभाग में लगभग 250 चालकों ने शपथ पत्र दे दिया है. विभाग में ई-रिक्शा के व्यवसायीकरण, मनमानी संचालन पर अंकुश लगाने तथा ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य करने को लेकर ये कदम उठाया गया है.
महानगर में चार से पांच जोन निर्धारित करने पर सहमति
गोरखपुर महानगर की सड़कों पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के मनमाने ढंग से ई रिक्शा का संचालन हो रहा है. यही नहीं अभी तक बस 43 लोगों ने ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है. ई रिक्शा के लिए महानगर में 19 रूट निर्धारित हैं, लेकिन चालक ना रोड पर चलते हैं और ना कोई रूट मानने को तैयार हैं. 1 दिसंबर को कमिश्नर की अध्यक्षता में आयोजित आरटीओ की बैठक में रूट की जगह महानगर में चार से पांच जोन निर्धारित करने पर सहमति बनी.
इस बैठक में पुलिस उपमहानिरीक्षक के प्रस्ताव पर अपर जिलाधिकारी नगर, पुलिस अधीक्षक यातायात एवं संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन की संयुक्त समिति एक माह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. शहर में आवागमन करने वाले लोगों की कनेक्टिविटी के लिए ई रिक्शा का प्रावधान किया गया. जिससे महानगर में प्रदूषण पर भी अंकुश लगने के साथ-साथ लोगों को सुविधा मिलेगी.
रिपोर्टर– कुमार प्रदीप, गोरखपुर