Lucknow: बस्ती जिले के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के बेहिल गांव के रहने वाले गंगाराम यादव ने कलेक्ट्रेट गेट पर आत्मदाह करने का प्रयास किया. वह अपने कपड़ों पर मिट्टी का तेल डालकर माचिस जलाने ही जा रहा था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस उसे हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई और बाद में उसका शांतिभंग की आशंका में चालान कर दिया. इस दौरान कलेक्ट्रेट या अन्य कोई उच्चाधिकारी मौजूद नहीं था.
गंगाराम ने बेहिल ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूर्व में डीएम से कई बार शिकायतें कीं. लेकिन, नतीजा सिफर रहा. 15 दिन पूर्व उसने आत्मदाह की चेतावनी दी. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई.
गंगाराम का कहना है कि आत्मदाह की चेतावनी देने के बाद मामलों की जांच करने मनरेगा लोकपाल, डीपीआरओ मौके पर पहुंचे. लेकिन, जांच बेनतीजा रही. डीपीआरओ ने हैंडपंप रिबोर और मरम्मत के नाम पर रुपये निकालने की शिकायत के बारे में जांच की.
मनरेगा एवं हैंडपंप मामले में किये गये फर्जीवाड़े की जांच मुख्य विकास अधिकारी ने जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी को सौंपकर 30 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी थी. समय सीमा बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट उनके कार्यालय को नहीं मिली.
गंगाराम का कहना है कि जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी को दो साल पहले भी खड़ंजा निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार की जांच मिली थी, आज तक उनकी जांच पूरी नहीं हुई. गंगाराम ने यह भी आरोप लगाया कि जॉब कार्ड में किये गये फर्जीवाड़े की जांच में तहसीलदार ने पुरुष को महिला दिखाकर भ्रामक रिपोर्ट तैयार की और संबंधित से फर्जी शपथ पत्र भी ले लिया.
Also Read: Rampur By Election: आकाश सक्सेना बोले- जीत निश्चित, अंधेरी रात से रामपुरवासियों को मिली निजात
कोतवाल शशांक शेखर राय ने बताया कि गंगाराम को हिरासत में लेकर एसडीएम कोर्ट में भेजा गया. उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. एसडीएम अतुल आनंद ने बताया कि गंगाराम को कोर्ट में पेश किया गया था. उसे समझाया गया कि मामले की जांच सीडीओ स्तर पर चल रही है. जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक वह कोई कदम न उठाए. उसे समझा बुझाकर घर भेज दिया गया है.