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Bareilly Air Pollution: बरेली की हवा से खत्म होने लगी ऑक्सीजन, 300 तक पहुंचा AQI, जानें कैसे करें बचाव

Air Pollution: बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब स्थिति में पहुंच गया है. लंबे समय तक एक्यूआई खराब स्थिति में रहने से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. बरेली शहर में धूल और धुएं के मिश्रण ने हवा को जहरीला कर दिया है.

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की हवा से ऑक्सीजन लगातार खत्म हो रही है. सोमवार रात 12 बजे बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (AQI) 300 हो गया था. यह काफी खराब स्थिति में आता है. लंबे समय तक एक्यूआई खराब स्थिति में रहने से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. बरेली शहर में धूल और धुएं के मिश्रण ने हवा को जहरीला कर दिया है.

इसको लेकर 30 नवंबर को राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने भी चिंता जताई थी.एसएचआरसी ने जिलाधिकारी बरेली को नोटिस भेज रिपोर्ट मांगी है.एसएचआरसी में यह शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट गजेंद्र सिंह यादव ने बरेली के बढ़ते प्रदूषण को लेकर की थी.इसके बाद एसएचआरसी गंभीर हुआ.मगर,इसके बाद भी बरेली शहर का प्रदूषण कम नहीं हो रहा है.

पर्यावरण प्रेमी देने धरना

ऐसे में लोग घरों से कम निकलें.घर से निकलने के दौरान मास्क का प्रयोग करें, आंखों पर चश्मा लगाएं.फेफड़ों की मजबूती को योग करें.सुबह को वॉक करने में परहेज करें. बरेली में सड़क निर्माण को लेकर पेड़ों को लगातार काटा जा रहा है.इसको लेकर पर्यावरण प्रेमी मयंक शुक्ला मोंटी अपनी टीम के सात दोपहर 12 बजे चौकी चौराहा पर धरना देंगे.

जानें आज का एक्यूआई

मंगलवार सुबह 10.30 बजे बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) 147 है, जो ठीक नहीं है.सिविल लाइंस का 156,राजेंद्र नगर 134, और सुभाषनगर का 152 है.इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 65, राजेंद्र नगर का 49, और सुभाषनगर का 58 है, जो काफी बताया जा रहा है. पीएम 10 सिविल लाइंस का 99, राजेंद्र नगर का 165, और सुभाषनगर का 118 हो गया है.

ऐसे बढ़ा बरेली का एक्यूआई

बरेली में सीवर, टूटी सड़क, और ओवरब्रिज निर्माण के चलते जगह-जगह खुदाई चल रही है.इससे सुबह से रात तक शहर की सड़कों से धूल उड़ती रहती है.बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण से सांस लेना मुश्किल हो गया है.इसलिए शहर का एक्यूआई बढ़ रहा है.

कितना होना चाहिए एक्यूआई

0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है.इससे सेहत पर कम असर होता है.51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है.301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है.401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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