पटना: ग्रामीण उत्पाद व हस्तशिल्प को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए नाबार्ड लगातार प्रयास करता रहता है. इस कड़ी में नाबार्ड द्वारा गांधी मैदान पटना में मंगलवार से राष्ट्रीय स्तर का मेला-सह-प्रदर्शनी आयोजित किया जा रहा है. इस मेला को नाबार्ड हाट नाम दिया गया है.
मेला में 100 से ज्यादा स्टॉल लगेंगे, जिसमें जम्मू, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलांगना, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, त्रिपुरा आदि राज्यों से तथा बिहार के हर कोने से आए कारीगर अपने कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे.मेला की सारी व्यस्था नाबार्ड द्वारा की जायेगी.
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डाॅ सुनील कुमार ने बताया कि मेला नाबार्ड के विभिन्न विकास कार्यक्रमों के तहत समर्थित ग्रामीण कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों के सूक्ष्म उद्यम उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए, नाबार्ड के प्रमुख कार्यक्रमों की कड़ी है साथ ही यह ग्रामीण उद्यमियों के साथ-साथ विभिन्न व्यापार संबंधी प्रथाओं के बारे में एसएचजी आधारित माइक्रो उद्यमों के बीच जागरूकता स्थापित करने की एक संरचना है.मेला का उद्घाटन मुख्य सचिव द्वारा किया जायेगा. मौके पर सचिव, ग्रामीण विकास बिहार सरकार, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे.
मेले मे भारत के हर कोने मे बनने वाले उत्पादो की बक्रिी होगी जिसमे पशमीना शाल, से लेकर लाह, जुट के उत्पाद, कृत्रिम आभूषण, लकड़ी के खिलौने, पत्थरो के बने सजावटी सामान, टेराकोटा ,बांस के बने उत्पाद और मसालेजूस आदि उत्पाद मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे.वहीं बिहार के मधुबनी पेंटिंग, खादि के कपड़े,जूते,चप्पल, व सल्कि साड़ियां,जाता सत्तू, आचार, पापड़ से लेकर सजावटी सामान और मिठाइयां आदि स्थानीय चीजें लोगों को बरबस आकर्षित करेंगी.