पटना. मुजफ्फरपुर शहर में जलनिकासी को लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और दरभंगा में अमृत योजना के अंतर्गत जलापूर्ति योजना का कुछ काम जमीन के अभाव में अटका है. वहीं, कटिहार में जलजमाव से निजात को लेकर 234 करोड़ रुपये की गंदे जल की निकासी (ड्रेनेज) योजना को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है.
बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बुडको) से मिली जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर शहर में 173 करोड़ रुपये की लागत से जलजमाव से निजात को लेकर 22 किमी ड्रेनेज लाइन व तीन एसटीपी का निर्माण किया जाना है. इसमें 13 एमएलडी और 22.5 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी को लेकर अब तक जमीन नहीं मिल पायी है. इस प्रोजेक्ट को मार्च 2023 तक विस्तार मिला है.
दरभंगा में 31 करोड़ की लागत से नाला निर्माण और पीसीसी सड़क निर्माण की चार योजनाओं का काम प्रगति पर है. 62 करोड़ की जलापूर्ति योजना 2021 में पूरी होनी थी, लेकिन इसका काम भी जमीन के चलते फंसा है. कटिहार में जलनिकासी को लेकर बुडको ने 234 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है, जिसके लिए मई 2022 में एजेंसी के कांट्रैक्ट हुआ है. इसका काम मई 2025 तक पूरा करना है, जिसके लिए एजेंसी जमीन व नेटवर्क का सर्वे कर रही है.
मधुबनी में 104 करोड़ रुपये की लागत से जलनिकासी को लेकर ड्रेनेज व एक एसटीपी निर्माण की योजना है. यह योजना 2022 में ही पूरी करनी थी, लेकिन अब तक एसटीपी के लिए जमीन नहीं मिली है. छपरा के खनुआ नाला निर्माण में अतिक्रमण बाधा बनी है जबकि सीवान जलापूर्ति योजना फेज टू का कुछ काम बाकी है. 69 करोड़ रुपये की हाजीपुर जलापूर्ति फेज टू योजना में पाइपलाइन व कनेक्शन का काम 95 फीसदी पूरा हो गया है, लेकिन ओवरहैंड टैंक तीन में से मात्र एक ही बन सका है.