पटना. बिहार सरकार ने अगले साल मार्च में राज्य में होने वाली जी 20 वार्ता समूहों की बैठकों के लिए तैयारी शुरू कर दी है. पटना में छह और सात मार्च को बड़ा सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के करीब ढाई सौ हस्तियां जुटेंगी. इसमें भाग लेने वाले अतिथियों को बिहार संग्रहालय दिखाया जायेगा. साथ ही राजगीर, नालंदा और बोध गया का भी भ्रमण कराया जायेगा. यह जानकारी कला संस्कृति एवं युवा विभाग की संचिव बंदना प्रेयसी ने दी. इस दौरान राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटकों के आकर्षण को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. भारत ने बृहस्पतिवार को एक वर्ष के लिए जी 20 की अध्यक्षता संभाली है. भारत पहली बार अगले साल जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और पटना सहित विभिन्न स्थानों पर 200 विभिन्न बैठकें आयोजित करेगा.
कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव ने कहा कि गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर वाले बिहार के लिए अपनी प्रस्तुति देने का यह एक बड़ा अवसर है. राज्य ने अपने कला और शिल्प के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान हासिल की है. उन्होंने कहा कि यह बैठकें अगले साल छह और सात मार्च को पटना और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर होंगी.
बंदना प्रेयसी ने कहा कि बिहार में वार्ता समूहों की प्रत्येक बैठक के कार्यक्रम से संबद्ध विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है. हम जल्द ही भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत सूची भेजेंगे. उन्होंने कहा कि बैठकों के बीच राज्य के लोकप्रिय लोक संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिसमें लुप्त हो रही कला भी शामिल है.
इस बीच, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा बिहार में संरक्षित आठ स्मारकों को जी20 ‘लोगो’ के साथ प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत से चुने गये सौ स्मारकों में शामिल किया गया है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की अधीक्षक पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने कहा कि नालंदा महाविहार, सोन भंडार की गुफाएं,सुजाता स्तूप, विक्रमशिला महाविहार, शेरशाह सूरी का मकबरा, कोल्हुआ स्तूप और केसरिया स्तूप इनमें शामिल किये गये हैं.