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गोपालगंज : शराब माफियाओं के लिए सेफ जोन बना बैकुंठपुर का दियारा, बालू की रेत में धधक रहीं भट्ठियां

बैकुंठपुर दियारे की बनावट की लाभ सीधे शराब माफिया उठा रहे. उत्पाद विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो नवंबर 2021 से अब तक 64 बार उत्पाद विभाग ने ऑपरेशन चलाया. इसमें शराब की 113 भट्ठियों को ध्वस्त किया जा चुका है. वहीं पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अवधेश कुमार राजन, गोपालगंज: गंडक नदी का दियारा शराब माफियाओं के लिए सेफ जोन बना है. शराब माफियाओं के बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में प्रशासन सफल नहीं हो पा रहा. बैकुंठपुर का दियारे में कदम-कदम पर शराब की भट्ठियां धधक रही हैं. जब-जब यहां उत्पाद विभाग की छापेमारी होती है, वहां दो-चार भट्ठियों को जब्त कर ध्वस्त किया जाता है. उत्पाद विभाग की कार्रवाई के बाद भी माफियाओं का हौसला पस्त नहीं हो रहा है. उनका शराब बनाने व बेचने का नेटवर्क बेहद मजबूत है. नदी के किनारे खर-पतहर, बेहाया, झाड़ियों के झुरमुट के बीच पहुंचना बड़ा मुश्किल हो जाता है. चाह कर भी पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही.

एक तरफ नदी, तो दूसरी ओर कई किमी दूर तक फैले रेत व झाड़ी में शराब बनाकर बाजारों को सप्लाइ की जा रही है. उत्पाद विभाग के छापेमारी में शराब बनाने वाले, कारोबार में जुड़े लोग हाथ नहीं आते हैं. दियारे की बनावट की लाभ सीधे शराब माफिया उठा रहे. उत्पाद विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो नवंबर 2021 से अब तक 64 बार उत्पाद विभाग ने ऑपरेशन चलाया. इसमें शराब की 113 भट्ठियों को ध्वस्त किया जा चुका है. वहीं पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन, उत्पाद विभाग के लिए यह इलाका बड़ी चुनौती बनी हुआ है.

एक नजर में आंकड़े

  • नवंबर-दिसंबर 21 : 18 बार रेड हुआ जिसमें 35 भट्ठियों को ध्वस्त कर 30 हजार लीटर अर्धनिर्मित शराब की गयी थी जब्त

  • जनवरी से नवंबर 2022 में 46 बार रेड हुआ जिसमें 78 भट्ठियों को ध्वस्त कर 86 हजार लीटर अर्धनिर्मित शराब जब्त की गयी

महम्मदपुर शराब कांड के बाद लगातार हो रही छापेमारी

दो नवंबर 2021 में शहम्मदपुर में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हुई. मौत के बाद हरकत में आये उत्पाद विभाग की ओर से ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी. उत्पाद विभाग ने जब बैकुंठपुर के दियारा में छापेमारी की तो शराब की धधकती हुईं भट्ठियां पायी गयीं. उसके बाद महीने में छह से सात दिन दियारे में छापेमारी की जाती रही है. हर बार हजारों लीटर अर्धनिर्मित शराब को जब्त कर नष्ट किया जाता रहा है. इसके बाद भी माफिया शांत नहीं है.

पांच जिलों में आसानी से पहुंच जा रही शराब

बैकुंठपुर का दियारा इलाका 46 किमी में फैला है. यहां का इलाका खर-पतहर के कारण काफी दुर्गम है. पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीवान, सारण व गोपालगंज से जुड़ा है. इस कारण दियारे के भीतर से नदी के रास्ते व दियारा के बिहड़ों के रास्ते शराब की खेप पांचों जिलों में आसानी से पहुंच रही है.

बैकुंठपुर दियारा में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती पुलिस

लोगों का आरोप है कि दियारा इलाके में तैनात चौकीदारों की भूमिका संदिग्ध है. बैकुंठपुर पुलिस कभी दियारा इलाके में अकेले छापेमारी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है. कभी भी शराब कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकी है. लोगों की ओर से पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किये जा रहे हैं.

माफियाओं की तलाश में विभाग : अधीक्षक

उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जब भी कोई इनपुट मिलता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाती है. जब-जब छापेमारी हुई, शराब की भट्ठियां मिलीं. माफियाओं की तलाश की जा रही है. लोगों से अपील की कि किसी को कोई जानकारी हो, तो तत्काल 9473400642 पर सूचित करें ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके.

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