नई दिल्ली : गुजरात में पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया है और पांच दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होना तय है, लेकिन पहले चरण के मतदान में शहरी मतदाताओं की उदासीनता को के मद्देनजर भारत का निर्वाचन आयोग खासा चिंतित नजर आ रहा है. शनिवार को निर्वाचन आयोग ने गुजरात के शहरी मतदाताओं से भारी संख्या में मतदान करने की अपील की है, ताकि पहले चरण के मतदान की भरपाई की जा सके.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात विधानसभा के एक दिसंबर को सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों के लिए हुए पहले चरण के मतदान के दौरान औसतन करीब 63.31 फीसदी मतदान हुआ, जो 2017 के चुनाव के मुकाबले काफी कम रहा. इसलिए निर्वाचन आयोग ने पहले चरण में कम मतदान की भरपाई के लिए गुजरात के मतदाताओं से दूसरे चरण के दौरान बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की है. अपने एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि शहरी मतदाताओं की उदासीनता शिमला से सूरत तक बेरोकटोक जारी है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए हाई-वोल्टेज प्रचार शनिवार शाम 5 बजे समाप्त हो गया. दूसरे चरण के दौरान होने वाले मतदान के लिए 93 निर्वाचन क्षेत्रों में 833 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन 93 सीटों पर 5 दिसंबर को चुनाव कराए जाएंगे और आठ दिसंबर को वोटों की गिनती होगी. दूसरे चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में घाटलोदिया से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, विरमगाम से पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और गांधीनगर दक्षिण से ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर शामिल हैं. हार्दिक पटेल और ठाकोर दोनों बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
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इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) है. जिन 93 निर्वाचन क्षेत्रों में सोमवार को मतदान होगा, उनमें अहमदाबाद, वडोदरा और गांधीनगर सहित उत्तर और मध्य गुजरात के करीब 14 जिले शामिल हैं. इन निर्वाचन क्षेत्रों में 2.54 करोड़ मतदाता हैं. इस दौरान करीब 26,409 बूथों पर मतदान होगा और करीब 36,000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चुनाव आयोग की ओर से 14 जिलों में 29,000 पीठासीन अधिकारियों और 84,000 से अधिक मतदान अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. दूसरे चरण में सत्ताधारी भाजपा को कुछ सीटों पर बागी उम्मीदवारों से चुनौती मिल रही है.