भागलपुर: सिटी की सड़कों पर फुटओवरब्रिज व अंडरपास का निर्माण अब नहीं होगा. वैकल्पिक बाइपास के रूप में चिह्नित सड़कें भी नहीं बनेंगी. बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था को देख इन तीनों प्रोजेक्ट के लिए पथ निर्माण विभाग, कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने प्रपोजल तैयार किया था. इसे अब ड्राॅप कर दिया गया है.
फुट ओवरब्रिज का निर्माण होता, तो स्कूली बच्चों को सड़क पार करने में आसानी होती. अंडरपास बनता, तो अधिवक्ताओं को भी एक ओर से दूसरी ओर जाने की सुविधा मिलती. वहीं, वैकल्पिक बाइपास के रूप में सड़कें बनतीं, तो शहर जाम मुक्त होता.
फुट ओवरब्रिज, अंडरपास एवं वैकल्पिक बाइपास के रूप में सड़कों को बनाने के लिए ढाई साल से स्वीकृति के नाम पर मुख्यालय से टालमटोल होता रहा. हालांकि मुख्यालय को कई बार रिमांइडर भी भेजा गया था.
शहर में फुट ओवरब्रिज (एफओबी) का निर्माण चार जगहों पर होना था. सभी एफओबी स्कूल के सामने बनने थे. बरारी रोड में कार्मेल स्कूल के सामने, दाउदवाट में न्यू होरिजन स्कूल, अलीगंज में सेंट टेरेसा स्कूल व तिलकामांझी रोड में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के सामने फुट ओवरब्रिज का निर्माण होना था.
अंडरपास का निर्माण घूरनपीरबाबा चौक से कचहरी चौक के बीच होना था, क्योंकि सड़क के दोनों ओर व्यवहार न्यायालय है. अंडरपास के निर्माण से अधिवक्ताओं को रोड क्रॉस करने में दिक्कत नहीं होती.
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घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल पथ : 4.4 किमी
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नवगछिया-महादेवपुर घाट पथ : 11.9 किमी
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शाहकुंड-असरगंज पथ : 14 किमी
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जगदीशपुर-सन्हौला पथ : 18.75 किमी
वैकल्पिक बाइपास के रूप में चयनित सड़कें बनतीं, तो इस पर करीब 170 करोड़ का खर्च आता. प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा गया था. इसमें घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल पथ के लिए 12 करोड़ रुपये, नवगछिया-महादेवपुर घाट पथ के लिए 42 करोड़ रुपये, शाहकुंड-असरगंज पथ के लिए 37 करोड़ रुपये एवं जगदीशपुर-सन्हौला पथ के लिए 79 करोड़ रुपये शामिल था.
गनीमत है कि वैकल्पिक बाइपास के रूप में चयनित चार सड़कों में एक घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल रोड स्मार्ट सिटी से बन रहा है. इसमें भी पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय ने कारनामा दिखा दिया. पहले मंजूरी नहीं दी और अब जब यह बन रहा है, तो स्वीकृत कर दिया. पथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने भी स्वीकृति रद्द करने से संबंधित पत्र लिख दिया.
सिटी के मेन रोड को बनवाने के लिए चयनित एजेंसी के नाम पर मिनिस्ट्री ने मुहर लगा दी है. बावजूद इसके काम शुरू कराने के लिए एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सका है. दरअसल, मुंगेर की एजेंसी ने टेंडर राशि से नौ प्रतिशत अधिक पर टेंडर भरा था. इस कारण स्वीकृति के लिए फाइल मिनिस्ट्री चली गयी थी. वहां से स्वीकृत कर दिया गया है, मगर मुख्यालय पटना से भागलपुर को लेटर नहीं मिला है. इस सड़क का निर्माण करीब नौ करोड़ से होना था, लेकिन अब नौ प्रतिशत अधिक राशि से बनेगी. इसके बनने से सड़क चकाचक हो जायेगी और गाड़ियां फर्राटा भरेंगी.
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह ने कहा कि फुट ओवरब्रिज और अंडरपास के निर्माण को मंजूरी नहीं मिली और यह अब नहीं बनेगा. वैकल्पिक बाइपास के रूप में विकसित होनेवाली चार सड़कों में एक स्मार्ट सिटी से बन रही है. बाकी तीन सड़कों को मंजूरी ही नहीं मिली. दोगच्छी से जीरोमाइल रोड के लिए मिनिस्ट्री से स्वीकृति मिल गयी है. पटना से लेटर मिलते ही वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जायेगा.