दरभंगा. दरभंगा एयरपोर्ट का विकास राजनीति की भेंट चढ़ चुका है. उड़ान योजना के तहत पूरे देश में सबसे सफल एयरपोर्ट होने के बावजूद यहां यात्रियों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां तक कि एयरपोर्ट की आधारभूत संरचनाओं को विकास भी काफी धीमी गति से हो रहा है. देवघर में जहां महज तीन माह में नाइट लैंडिंग की सुविधा मिल गयी, वहीं दरभंगा एयरपोर्ट पर इस सुविधा के लिए एक साल में चार बार तारीख बढ़ाई जा चुकी है. इसके बावजूद अब तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. यात्रियों को चिंता सताने लगी है कहीं उनकी फ्लाइट कैंसिल न हो जाये.
दरभंगा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग के लिए समुचित लाइट की व्यवस्था नहीं है. अब ठंड ने दस्तक दे दी है और कुहासा लगना भी शुरू हो गया है. ऐसे में दिन के उजाले में भी ठीक ढंग से रनवे को देख पाना पायलाट के लिए मुश्किल हो जाता है. इससे फ्लाइट की लैंडिंग में समस्या आ जाती है. दिसंबर के पहले सप्ताह से ही दरभंगा एयरपोर्ट पर ठंड के मौसम में कुहासे के चलते कम विजिबिलिटी के कारण फ्लाइटों की लैंडिंग में समस्या आनी शुरू हो जाती है. हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को यह डर बना रहता है कि कब कौन सा फ्लाइट कैंसिंल हो जाये. खासकर उन लोगों के लिए अधिक परेशानी है जो लंबी दूरी तय कर इस एयरपोर्ट पर फ्लाइट पकड़ने आते हैं. फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने पर मिलती है.
एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि पहले फेज में दरभंगा एयरपोर्ट के रनवे पर 60 मीटर की दूरी पर लाइट लगाई गई. वहीं, दूसरे फेज में 30 मीटर की दूरी पर लाइट लगाई जा रही हैं. हालांकि इस संदर्भ में दरभंगा एयरपोर्ट का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. सभी इस सवाल पर चुप्पी साध रखे हैं कि आखिर यह काम कब तक पूरा कर लिया जायेगा.
अधिकारी ये कहते हैं कि रनवे पर लैंडिंग के लिए लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण कुहासे में फ्लाइटों की लैंडिंग में परेशानी होती है. यहां के यात्रियों को कई बार इस परेशानी से दो-चार होना पड़ा है. कई बार उन्हें पटना से भी फ्लाइट पकड़नी पड़ी है. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल मार्च तक इस काम को पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन इतना तय है कि इस बार कुहासे के कारण दरभंगा एयरपोर्ट पर सन्नाटा छा सकता है.