सुबोध कुमार नंदन
पटना बैंक ग्राहक अब एटीएम कार्ड की क्लोनिंग, कैश निकासी की सीमा, अधिकतम सीमा से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर सेवा शुल्क और एटीएम पिन की धोखाधड़ी से बचने के लिए यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) एप का इस्तेमाल कर रहे हैं. एटीएम में भी रिजर्व बैंक के आदेशानुसार यूपीआइ का सॉफ्टवेयर डाउनलोड होने से ग्राहक एटीएम कार्ड ऑपरेशन के बदले यूपीआई सुविधा का फायदा उठा रहे हैं. यही कारण है कि राज्य में अब लगभग 70 प्रतिशत ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिये हो रहा है.
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर माह में राज्य में यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या 7.7% की वृद्धि हुई और यूपीआई के जरिये 60 हजार करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ. वहीं, देश भर में सितंबर में 678 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए, जिसकी कुल वैल्यू 11.16 लाख करोड़ है. वहीं, दूसरी तरफ अक्तूबर में आइएमपीएस ट्रांजेक्शन की कुल संख्या 48.25 करोड़ थी, जिसकी वैल्यू 4.66 लाख करोड़ रुपये थी.
यूपीआई एप का प्रयोग केवल शहरी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाके में भी इसका प्रयोग लोग बड़े पैमान पर हो रहा है. बैंक अधिकारियों की मानें, तो यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल से एटीएम से लोग पैसे की निकासी कम कर रहे हैं. इसके कारण एटीएम सेंटर को धीरे- धीरे बंद किया जा रहा हैं. कारोबारी भी कार्ड के बादले यूपीआई के जरिये पेमेंट पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यूपीआई पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क नहीं है.
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डेबिट या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में धोखाधड़ी की आशंका
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एटीएम से कैश निकासी की तय है सीमा
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कार्ड से अधिकतम सीमा से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर लगता है सेवा शुल्क
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यूपीआइ पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट शुल्क नहीं
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि बढ़ती जालसाजी के मद्देनजर बैंक ग्राहक सुरक्षित ट्रांजेक्शन करना चाहते हैं, जिसके कारण एटीएम के बजाय यूपीआई ट्रांजेक्शन बढ़ा हैं, जो एक सुरक्षित विकल्प है. इसके कारण पिछले एक एक साल में एटीएम से ट्रांजेक्शन में काफी कमी आयी.