Agra News: देश में गैस सिलेंडर (LPG) ब्लास्ट की खबर आए दिन कहीं न कहीं से सामने आती रहती है. इस तरह के हादसे में लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. कई लोगों की इसमें मौत भी हो चुकी है. ऐसे में क्या आपको पता है कि रसोई गैस सिलेंडर दुर्घटना में मृत व्यक्ति और घायल व्यक्ति को कंपनी की तरफ से मुआवजा भी मिलता है. यह मुआवजा कैसे लिया जाता है और इसके लिए क्या प्रक्रिया है आइए जानते हैं…
शहर से लेकर गांव तक अब हर घर में एलपीजी गैस सिलेंडर पहुंच गया है. यह गैस जितनी फायदेमंद है उतनी ही ज्यादा खतरनाक है. दरअसल, एलपीजी गैस के अत्यधिक ज्वलनशील होने के कारण इससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं. जिसके लिए जरूरी है कि इस एलपीजी सिलेंडर का प्रयोग बड़ी सावधानी से किया जाए वरना कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
घर की रसोई में रखे एलपीजी गैस सिलेंडर के फटने की वजह कई बार कुछ ऐसी चूक होती हैं, जिनका लोग ध्यान नहीं रखते और जब गैस सिलेंडर फट जाता है. तो उसकी वजह से जनहानि भी हो जाती है. ऐसे में अगर आपके साथ कोई ऐसा हादसा होता है जिसमें कोई घायल होता है या किसी की मौत होती है तो आपके पास क्या अधिकार है. क्या आपको कंपनी इसके लिए मुआवजा देगी इसके बारे में पूरी तरह से जान लें.
दरअसल, अगर किसी घर में गैस सिलेंडर फटने की कोई दुर्घटना होती है, और इस दुर्घटना में कोई घायल होता है या किसी की मृत्यु होती है या घर को नुकसान पहुंचता है तो इस क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए पेट्रोलियम कंपनियां इस पर करीब 50 लाख रुपए तक का बीमा देती हैं. और इसके लिए ग्राहक को कोई भी प्रीमियम नहीं देना पड़ता.
अधिकतर लोगों को शायद ही यह जानकारी हो कि जब वह रसोई गैस कनेक्शन लेते हैं तो पेट्रोलियम कंपनियां उन्हें एक पर्सनल एक्सीडेंट बीमा उपलब्ध कराती है. इस बीमा में एलपीजी सिलेंडर से गैस लीकेज एयर ब्लास्ट के कारण होने वाले हादसों में आर्थिक मदद के तौर पर 50 लाख तक का क्लेम दिया जाता है. जिसके लिए पेट्रोलियम कंपनियां बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी में रहती हैं, और इस सुविधा का फायदा हर उस व्यक्ति को मिलता है. जो गैस कनेक्शन कराकर गैस सिलेंडर लेता है.
बता दें, पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा किए गए इस पर्सनल एक्सीडेंट बीमा में अगर हादसे की वजह से ग्राहक की प्रॉपर्टी या घर को कोई नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट 2 लाख तक का क्लेम दिया जाता है. अब हम आपको बताएंगे कि इस बीमा का फायदा आप कैसे ले सकते हैं और किस तरह से आपको क्लेम मिलेगा. इसके लिए आप दुर्घटना के बाद सरकारी वेबसाइट (www.mylpg.in) पर जाकर जानकारी भी ले सकते हैं और क्लेम के लिए आवेदन करना होगा.
दुर्घटना के 30 दिनों के अंदर यह आवेदन करना जरूरी है. वरना आप क्लेम नहीं ले पाएंगे. दुर्घटना में अगर किसी व्यक्ति की मौत होती है तो वह 50 लाख तक के बीमा का हकदार होगा. वहीं दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 1 लाख की क्षतिपूर्ति मिल सकती है. मृत्यु होने पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर के रूप में प्रति व्यक्ति ₹6 लाख का क्लेम ले सकता है, और दुर्घटना पर इलाज खर्च के रूप में अधिकतम 30 लाख मिलते हैं जिसमें प्रति व्यक्ति 2 लाख दिए जाते हैं.
दुर्घटना होने पर सबसे पहले आपको नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को इसकी जानकारी देनी होगी. इसके बाद संबंधित क्षेत्र से जुड़ी कंपनी के लोग हादसे के कारणों की जांच करेंगे. अगर हादसा एलपीजी सिलेंडर से होना पाया जाता है तो डिस्ट्रीब्यूटर अथवा एरिया ऑफिस इसकी जानकारी बीमा कंपनी को देते हैं.
जांच रिपोर्ट देखने के बाद कंपनी में क्लेम फाइल होता है, लेकिन इसके लिए ग्राहक को कंपनी में आवेदन करने या संपर्क करने की जरूरत नहीं होती. पीड़ित को एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल के अलावा मौत की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति देनी होती है, और बीमा ना मिलने तक इन सभी को संभाल कर रखना पड़ता है. जांच पूरी होने के बाद बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति अनुसार आपको क्लेम देती है. तो आगे से ध्यान रखें कि जब कभी भी सिलेंडर से संबंधित कोई हादसा हो तो तत्काल इन नियमों का पालन करें. जिससे आपको जल्द से जल्द क्लेम मिल सके.
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रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा