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विश्व एड्स दिवस: बिहार के इस जिले में 16 साल के अंदर मिल चुके करीब 800 संक्रमित, हैरान करते आंकड़े देखें

विश्व एड्स दिवस: जमुई में एड्स अपना पांव तेजी से पसार रहा है. करीब 16 साल पहले इस जिले में पहला मरीज मिला था जो बाहरी राज्य से काम करके आया था. अब हर साल इस जिले में बड़ी तादाद में एचआइवी मरीज मिल रहे हैं.

गुलशन कश्यप, जमुई: तमाम कोशिशों के बावजूद जमुई जिले में लाइलाज बिमारी एड्स या एचआईवी का प्रकोप नहीं थम रहा है. हालांकि पिछले कुछ सालों में आंकड़ों में सुधार देखने को मिला है, पर अभी भी जिले में हर साल बड़ी संख्या में एड्स के मरीजों की पहचान हो रही है. जिला एड्स कंट्रोल सोसाइटी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2006 से अब तक जिले में एड्स मरीजों की संख्या में करीब 7 गुना तक का इजाफा देखने को मिला है.

2017 में 500 के पार आंकड़ा

वर्ष 2015 में जिले में एड्स के सबसे अधिक 88 मरीज चिन्हित किए गए थे, जिनमें 43 महिलाएं और 45 पुरुष शामिल थे. बताते चलें कि 2006 से जिले में एचआइवी से ग्रसित होने के शक पर 1793 लोगों ने जांच कराई थी जिसमें 17 लोग पीड़ित मिले थे. वर्ष 2011 में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी और 80 मरीज एचआइवी पॉजिटिव पाए गए. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया. जिले भर में दंपती व बच्चे भी बड़ी संख्या में एचआइवी से पीड़ित हैं. नतीजतन वर्ष 2017 आते ही एचआइवी पीड़ितों की संख्या 500 के पार पहुंच गई.

पांव पसारता जा रहा एड्स

आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2017 में जिले में 3086 पुरुषों की जांच की गई. जिसमें से 47 पुरुष एड्स से पीड़ित पाए गए. वहीं 3456 महिलाओं की जांच की गई. जिनमें से 24 महिलाओं को एड्स था. गर्भवती महिलाओं की बात करें तो 8531 महिलाओं की भी जांच की गई, जिनमें से चार एड्स रोगी मिले. बीते डेढ़ दशक में जिले में एड्स अपना पांव पसारता जा रहा है.

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पहली बार 16 तो इस साल 55 मरीज किये गए हैं चिन्हित

जिला एड्स कंट्रोल सोसाइटी के रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2006 में जिले में 7 महिला 7 पुरुष सहित कुल 14 एड्स के मरीज चिन्हित किए गए थे.कुल आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में अब तक 347 महिला और 442 पुरुष को मिलाकर 789 लोगों में इसकी पुष्टि की जा चुकी है.

2007 से एड्स मरीजों का आंकड़ा

  • 2007 – 8 महिला- 8 पुरुष =16 मरीज

  • 2008- 8 महिला- 9 पुरुष =17 मरीज

  • 2009 – 9 महिला- 23 पुरुष= 32 मरीज

  • 2010 -12 महिला- 24 पुरुष= 36 मरीज

  • 2011- 22 महिला-26 पुरुष= 48 मरीज

  • 2012- 32 महिला- 39 पुरुष= 71 मरीज

  • 2013-14 महिला- 28 पुरुष=42 मरीज

  • 2014- 17 महिला- 27 पुरुष= 44 मरीज

  • 2015- 43 महिला- 45 पुरुष= 88 मरीज

  • 2016- 44 महिला-37 = 81 मरीज

  • 2017- 26 महिला- 47 पुरुष= 73 मरीज

  • 2018- 24 महिला- 30 पुरुष = 54 मरीज

  • 2019- 12 महिला- 19 पुरुष= 31 मरीज

  • 2020- 28 महिला- 14 पुरुष= 42 मरीज

  • 2021- 18 महिला- 27 पुरुष= 45 मरीज

  • 2022- 1 दिसंबर तक 23 महिला- 32 पुरुष= 55 एड्स के मरीज चिन्हित किए गए हैं.

दूसरे राज्य के कारण जिले में मिला एड्स का पहला मरीज

आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में एड्स के पहले मामले की पुष्टि बाहर से आए एक युवक में की गई थी. दरअसल उक्त युवक बिहार से बाहर किसी अन्य राज्य में रहकर काम करता था और वहां से जब वह लौटकर आया था तब उसमें और उसकी पत्नी में एक साथ एड्स की पुष्टि की गई थी. कई मामलों में लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसका प्रसार देखने को मिल रहा है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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