Navy Day Special: नौसेना भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है और भारत के राष्ट्रीय हितों के साथ जल मार्गों व समुद्री सीमाओं की सुरक्षा समेत कई भूमिकाएं निभाती है. देश सेवा के जज्बे के साथ एक गौरवपूर्ण करियर का सपना देखने वाले युवाओं के लिए नौसेना में बेहतरीन राहें मौजूद हैं. महिला अभ्यर्थियों के लिए भी सेना के इस विंग में मौके बढ़े हैं. नौसेना दिवस (4 दिसंबर) से ठीक पहले जानें नौसेना में कैसे बना सकते हैं भविष्य…
ऑफिसर बनने के दो तरीके हैं, पहला यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के तहत एंट्री, जिसमें एनडीए/ एनए एग्जाम एवं सीडीएस एग्जाम कराये जाते हैं. दूसरा नॉन यूपीएससी के तहत एंट्री यानी नौसेना की ओर से आयोजित इंडियन नेवी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से.
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NDA and NA exam : नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वाइन करने के लिए यूपीएससी की ओर से साल में दो बार एनडीए/ एनए एग्जाम लिया जाता है. अगर आपकी आयु साढ़े 16 से साढ़े 19 साल के बीच है और आप फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स के साथ बारहवीं पास हैं, तो इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. लिखित परीक्षा में मैथ्स एवं जनरल एबिलिटी टेस्ट होता है. इसे पास करनेवाले अभ्यर्थियों को सर्विस सेलेक्शन बोर्ड इंटरव्यू यानी एसएसबी देना होता है, फिर अभ्यर्थी का मेडिकल टेस्ट होता है. इसके बाद यूपीएससी ऑल इंडिया मेरिट जारी करता है और विज्ञापित पदों के आधार पर एनडीए नेवल विंग के लिए ज्वाइनिंग लेटर जारी कर दिये जाते हैं. इस परीक्षा में अब पुरुष अभ्यर्थियों के साथ महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं.
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CDS Examination: यूपीएससी की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर वर्ष में दो बार कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) एग्जामिनेशन का आयोजन किया जाता है. इस परीक्षा के माध्यम से नौसेना समेत थल सेना एवं वायु सेना में नियुक्ति की जाती है. सीडीएस परीक्षा में सफलता के बाद केरल के कन्नूर जिले के एझिमाला में स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में प्रशिक्षित अभ्यर्थी नौसेना में बतौर ऑफिसर करियर शुरू करते हैं. सीडीएस के माध्यम से भारतीय नौसेना अकादमी में प्रशिक्षण के लिए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होना जरूरी है. सीडीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को वरीयता के आधार पर एसएसबी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. अंतिम रूप से चुने गये अभ्यर्थी प्रशिक्षण में शामिल होते हैं.
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इस टेस्ट के माध्यम से आप ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद नौसेना ज्वाइन कर सकते हैं. भारतीय नौसेना एक टेक्नोलॉजी ड्रिवन फोर्स है, इसलिए इसके अधिकतर ब्रांच या कैडर को ज्वाइन करने के लिए शैक्षिक योग्यता बीइ या बीटेक है. ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में कौन-सी स्ट्रीम वाले अभ्यर्थी किस ब्रांच में आवेदन कर सकते हैं, इसकी विस्तृत जानकारी एंट्री के नोटिफिकेशन में दी जाती है और नौसेना की रिक्रूटमेंट वेबसाइट joinindiannavy.gov.in में अपडेट की जाती है. नॉन यूपीएससी एंट्री के तहत भारतीय नौसेना इंडियन नेवी एंट्रेंस टेस्ट कराती है. शॉर्टलिस्ट अभ्यर्थियों को एसएसबी एवं मेडिकल टेस्ट देना होता है. चयनित अभ्यर्थी सब लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय नौसेना में बतौर ट्रेनी ज्वाइन करते हैं.
अग्निपथ योजना के तहत पुरुष एवं महिला अभ्यर्थी नौसेना में अग्निवीर (एसएसआर) और अग्निवीर (एमआर) की भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए दसवीं एवं बारहवीं पास होना जरूरी है. अग्निवीर के तहत भर्ती के लिए साढ़े 17 से 21 साल तक के अविवाहित पुरुष एवं महिला अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. विस्तार से जानने के लिए भारतीय नौसेना की आधिकारिक रिक्रूटमेंट वेबसाइट https://www.joinindiannavy.gov.in/ देखें. इस वेबसाइट पर नौसेना द्वारा विभिन्न पदों पर की जानेवाली भर्ती की अधिसूचना जारी की जाती हैं.
भारतीय नौसेना ने 1992 में महिलाओं की एंट्री ऑफिसर रैंक पर शुरू की. वर्तमान में नौसेना में लगभग 550 महिला अधिकारी हैं. ये महिला अधिकारी एजुकेशन, लॉजिस्टिक्स, एजुकेशन, लॉ, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, नेवल कंस्ट्रक्टर, पायलट आदि ब्रांच या कैडर में अपनी सेवाएं दे रही हैं. हाल में शुरू हुई अग्निपथ स्कीम के माध्यम से भी महिलाएं नौसेना का हिस्सा बन सकती हैं.