द कश्मीर फाइल्स के खिलाफ अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले इजरायल के निदेशक और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के जूरी प्रमुख नदव लापिद ने माफी मांगी है. एक नई रिपोर्ट के अनुसार, टिप्पणी करने के कुछ दिनों बाद, नदव ने कहा कि उनका ‘उद्देश्य लोगों या उनके रिश्तेदारों का अपमान करना कभी नहीं था’. बता दें कि नदव ने 22 नवंबर को आईएफएफआई गोवा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर टिप्पणी की थी. मामले में लेखक-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी सहित द कश्मीर फाइल्स की टीम ने नदव की आलोचना की थी.
सीएनएन न्यूज 18 से बात करते हुए, नदव ने कहा है, ”मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता था, और मेरा उद्देश्य कभी भी लोगों या उनके रिश्तेदारों का अपमान करना नहीं था, जो पीड़ित हैं. मैं पूरी तरह से पूरी तरह से माफी मांगता हूं, अगर उन्होंने जिस तरह से व्याख्या की है. बीते दिनों नदव लापिद ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि ”फिल्म के रूप में दुष्प्रचार को किस तरह पहचाना जाता है”.
लापिद ने कहा कि खराब फिल्म बनाना अपराध नहीं है, लेकिन विवेक अग्निहोत्री निर्देशित यह फिल्म ‘अधूरी, जानबूझकर तथ्यों से छेड़छाड़ वाली और हिंसक’ है. उन्होंने इजराइली अखबार हारेत्ज को दिये इंटरव्यू में कहा कि अंतरराष्ट्रीय जूरी के अध्यक्ष के रूप में अपने मन की बात कहना उनकी जिम्मेदारी है. लापिद ने कहा, ”कल्पना कीजिए, एक दिन इजराइल में भी ऐसी स्थिति बन सकती है और मुझे खुशी होगी कि इस हालात में विदेशी जूरी का प्रमुख जैसे चीजों को देखता है, वैसे बयां करना पसंद करे. एक तरह से कहूं तो मुझे लगा कि मुझे जिस जगह आमंत्रित किया गया है, उसके प्रति मेरी जिम्मेदारी है.”
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गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (इफ्फी) के समापन समारोह में सोमवार को लापिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार वाली फिल्म बताया था. फिल्म का प्रदर्शन 22 नवंबर को इफ्फी के इंडियन पैनोरमा में किया गया था. द कश्मीर फाइल्स के लेखक-निर्देशक अग्निहोत्री, इसमें अभिनय कर चुके अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत कुछ भाजपा नेताओं के साथ ही भारत में इजराइली राजदूत नाओर गिलोन और मध्य-पश्चिम भारत में उसके महा वाणिज्यदूत कोब्बी सोशानी ने लापिद की तीखी आलोचना की थी. (भाषा इनपुट के साथ)