Dhanbad News: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) के इमरजेंसी में चूहों द्वारा दो शव को कुतरने के मामले के दूसरे दिन बुधवार को अस्पताल प्रबंधन की ओर से इमरजेंसी के मोर्चरी में खराब फ्रीजर की मरम्मत करायी गयी. एनआरएचएम अंतर्गत कार्यरत टेक्नीशियन को बुलाकर इमरजेंसी में शवों को रखने के लिए फ्रीजर को दुरुस्त किया गया. बता दें कि शवों को रखने के लिए इमरजेंसी में लगा फ्रीजर का दरवाजा व कंप्रेसर में भी खराबी थी. ऐसे में लगभग एक माह से इमरजेंसी में पहुंचने व इलाज के दौरान मृत लोगों के शव को बरामदे के एक कोने में रखा जा रहा था.
गौरतलब हाे कि सोमवार को सिंदरी और बरोरा में हुई दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में साहिल इशान (21) और दीपू कुमार (28) की मौत हो गयी थी. शवों को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के दौरान मंगलवार को परिजनों को दोनों के शरीर पर घाव के निशान होने की जानकारी मिली. इसके बाद दोनों के परिजनों ने इमरजेंसी में हंगामा किया. बाद में शवों के चूहों द्वारा कुतरने की बात सामने आई.
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टेक्नीशियन के एसएनएमएमसीएच पहुंचने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें इंडोर में रखे छह फ्रीजर खराब होने की जानकारी दी. इंडोर स्थित मेडिसिन विभाग के पीछे बिल्डिंग में इलाज के दौरान मृत होने वाले व्यक्तियों के शव को रखने के लिए फ्रीजर लगाया गया है. टेक्नीशियन द्वारा जांच करने के बाद पता चला कि इंडोर में रखे सभी फ्रीजर दो माह से ज्यादा समय से खराब है. फ्रीजर के दरवाजे का लॉक और कंप्रेशर खराब था. बुधवार की देर शाम मरम्मत की गयी.
डीआरडीए डायरेक्टर मुमताज अली अहमद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बुधवार को अस्पताल पहुंची. टीम में शामिल सदस्यों ने इमरजेंसी में शवों को रखने वाले स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ बैठक की. डीआरडीए डायरेक्टर मुमताज अली अहमद ने बताया कि गुरुवार को वह अपनी रिपोर्ट उपायुक्त संदीप सिंह को सौपेंगे.
अस्पताल प्रबंधन के निर्देश पर इमरजेंसी में चूहों के प्रवेश के सभी जगह को सीमेंट से बंद किया गया. इमरजेंसी बिल्डिंग के लगभग एक दर्जन छेद को बंद किया गया. अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार बिल्डिंग के छेद से ही चूहे अस्पताल में प्रवेश करते थे.