Jharkhand News: रिम्स में डॉक्टरों व कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमीट्रिक सिस्टम से बनाने की व्यवस्था है, लेकिन 70 फीसदी से ज्यादा चिकित्सक व कर्मचारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं. एक सप्ताह के बायोमीट्रिक अटेंडेंस का आकलन करने पर पता चला है कि रिम्स में केवल 25 से 30 फीसदी डॉक्टर और कर्मचारी ही बायोमीट्रिक अटेंडेंस बना रहे हैं.
बायोमीट्रिक सिस्टम में रिम्स के 1863 कर्मचारी जुड़े हैं, जिसमें सीनियर व जूनियर डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल, तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी शामिल हैं. हालांकि, इनमें से कुछ लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं. बायोमीट्रिक से 28 नवंबर को रिम्स में 28.3 फीसदी, 29 को 25.1 फीसदी और 30 नवंबर को 27.6 फीसदी कर्मचारियों ने ही हाजिरी बनायी. कर्मियों की सुविधा के लिए रिम्स में जगह-जगह बायोमीट्रिक अटेंडेंस मशीन लगायी गयी है. रिम्स के प्रशासनिक कार्यालय में भी बायोमीट्रिक से सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी ही उपस्थिति बनाते हैं.
उपाधीक्षक और डेंटल कॉलेज के प्राचार्य भी रोज नहीं बनाते हैं उपस्थिति : रिम्स के उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी और डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशीष जैन भी रोज बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं कराते हैं. डेंटल कॉलेज की बायोमीट्रिक मशीन में कुल 84 कर्मचारियों के नाम दर्ज हैं, जिसमें से 29 नवंबर को सिर्फ 36 लोगों ने उपस्थिति दर्ज करायी थी.
रिम्स के महत्वपूर्ण विभागों औषधि, सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति, न्यूरो सर्जरी, पैथोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, ट्रॉमा एंड क्रिटिकल केयर विभाग के डॉक्टर व कर्मचारी भी रोजाना बायोमीट्रिक से हाजिरी नहीं बनाते हैं. औषधि विभाग में 164 में से 40-50, सर्जरी में 148 में से 25-30, स्त्री एवं प्रसूति विभाग में 106 में से 15-20 और पैथोलॉजी में 88 में से सिर्फ 23 डॉक्टर व कर्मचारी ही बायोमीट्रिक से हाजिरी बनाते हैं. रिम्स के विभिन्न विभागों में सेवा देने वाली नर्सिंग स्टाफ सबसे कम बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाती हैं. क्लर्क और अन्य कर्मचारी भी रोजाना उपस्थिति नहीं बनाते हैं.
बायोमीट्रिक उपस्थिति में कर्मचारियों की उदासीनता लगातार देखी जा रही है. मेरे पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है. इसलिए इससे संंबंधित सूचना निदेशक को दे दी गयी है. बायोमीट्रिक उपस्थिति तो होनी ही चाहिए. वार्ड में सीसीटीवी लगने से कर्मचारियों पर नजर रखी जा सकती है.
चंदन कुमार, अपर निदेशक, प्रशासन