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Bareilly Air Pollution: बरेली में ठंड के साथ बढ़ा प्रदूषण का कहर, ‘खराब’ श्रेणी में पहुंची शहर की हवा

Bareilly Air Pollution: बरेली में बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. शहर की हवा 'खराब', श्रेणी में पहुंच गई है. एक्यूआई वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया में बरेली शहर प्रदूषण के मामले में 189वें स्थान पर है.

Bareilly News: बरेली में गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान 26, और न्यूनतम तापमान 11 दर्ज किया गया. इससे ठंड बढ़ी है. मगर, ठंड के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा है. एक्यूआई वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया में बरेली शहर प्रदूषण के मामले में 189वें स्थान पर है. यहां का औसत एक्यूआई 167 है. बुधवार रात 2 बजे एक्यूआई 226 था, जो काफी खराब है. मगर, सुबह 7 बजे 167 रह गया. शहर में धूल और धुएं के मिश्रण से प्रदूषण बढ़ रहा है. इससे हवा जहरीली हो गई है.

स्मार्ट सिटी में चयन होने के बाद बरेली में सीवर, टूटी सड़क, और ओवरब्रिज निर्माण के चलते जगह -जगह खुदाई चल रही है. इससे भी प्रदूषण बढ़ा है. बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण से सांस लेना मुश्किल हो गया है. बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई AQI) अधिकतम 226, और न्यूनतम 167 है. गुरुवार को शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 162, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 173, और सुभाषनगर का एक्यूआई 166 हो गया है.

इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 77, राजेंद्र नगर का 98, और सुभाषनगर का 85 है, जो काफी बताया जा रहा है. इसके साथ ही पीएम 10 सिविल लाइंस का 121, राजेंद्र नगर का 205, और सुभाषनगर का 156 हो गया है. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा जहरीली हो गई है. अगर, यही हालत रही तो बरेली का एक्यूआई दिल्ली की तरह हो जाएगा. बरेली में बढ़ते एक्यूआई को लेकर एनजीटी ने डीएम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

ऐसे रखें सेहत का ख्याल

शहर का एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है.ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है.लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है.डॉक्टर मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं.क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

सांस के मरीज योग से मजबूत करें फेफड़े

एक्यूआई बढ़ने से सांस के मरीजों को काफी दिक्कत होती है.अस्थमा भी बढ़ता है.इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें.इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.धनुरासन योग भी अच्छा है.इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है.

401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक

0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है.इससे सेहत पर कम असर होता है.51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है.301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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