पटना. भ्रष्टाचार में लिप्त और जनता के काम में देरी करने वाले अंचल अधिकारियों पर लगाता कार्रवाई होगी. अगस्त से अब तक घूसखोरी, अवैध जमाबंदी कायम करना, दाखिल- खारिज और ऑनलाइन सेवाओं का समय से निष्पादन नहीं करने के लिए दोषी नौ अंचल अधिकारियों को निलंबित किया गया है. 12 सीओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की जा रही है.
हाल के दिनों में हुई इस कार्रवाई का ब्योरा देते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने अधिकारियों को चेतावनी दी है. मंत्री का कहना है कि तीन महीने में यह कार्रवाई कर सभी को संकेत दे दिये गये हैं कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सख्त है. महागठबंधन सरकार अगस्त में बनी है. राजस्व विभाग के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी शिकायत मिलने पर कड़ा एक्शन लिया जायेगा.
आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि विभागीय जांच जल्दी पूरी कर ली जायेगी. मंत्री ने बताया कि खिजरसराय के विनोद कुमार चौधरी एवं काको के दिनेश कुमार को घूस लेते हुए निगरानी ने ट्रैप किया था. इनको छोड़ कर अन्य सभी के खिलाफ जिला स्तर से मिली रिपोर्ट के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गयी है.
औरंगाबाद के दाउदनगर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, ओबरा के मौजूदा सीओ, भागलपुर के रंगराचौक के तत्कालीन सीओ, बरबीघा, शेखपुरा के तत्कालीन सीओ, पचरूखी, सीवान के तत्कालीन सीओ, धनरूआ, पटना के तत्कालीन सीओ, हिलसा, नालंदा के सीओ, आरा सदर के तत्कालीन सीओ, अररिया के तत्कालीन सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और बैरिया, पश्चिम चंपारण के तत्कालीन सीओ शामिल हैं.
विजय कुमार दाउदनगर, सुनील कुमार वर्मा बिहारशरीफ, चंदन कुमार फुलवारीशरीफ, पटना, कुमार कुंदन लाल गड़हनी भोजपुर, अमित कुमार ओबरा, औरंगाबाद , उज्ज्वल कुमार चौबे कुचायकोट, गोपालगंज, दिनेश कुमार काको, जहानाबाद, विनोद कुमार चौधरी खिजरसराय गया, सुरेजश्वर श्रीवास्तव करगहर, रोहतास.