पटना. केवल पटना, मुजफ्फरपुर और गया ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य प्रदूषित शहरों में भी अब प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष प्रो अशोक घोष ने मंगलवार को परिवेश भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इसके लिए पर्षद ने एक ग्रेडेड एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जो छह माह बाद प्रदेश के उन सभी 25 जिलों में लागू होगा, जहां एयर क्वालिटी नापने के लिए बीते दिनों नये मॉनिटरिंग स्टेशन बनाये गये हैं. इसके अंतर्गत 100 से अधिक एक्यूआइ वाले प्रदूषित शहरों में प्रदूषण फैलाने पर रोक होगी.
यह रोक प्रदूषण स्तर (एक्यूआइ) की गंभीरता के अनुसार अलग अलग शहरों में अलग-अलग तरह की होगी. इसके क्रियान्वयन का जिम्मा संबंधित जिलों के डीएम और संबंधित विभागों पर होगा. पर्यावरण संबंधी पहले से बने कानून के अनुसार इस तरह के एक्शन प्लान को लागू करने के लिए एक वर्ष का आंकड़ा होना जरूरी है. इसलिए ग्रेडेड एक्शन प्लान तैयार होने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है. 22 जिलो में नवस्थापित 25 मॉनीटरिंग स्टेशनों की स्थापना के लगभग छह महीने हो चुके हैं और छह महीने बाद इसके एक वर्ष पूरे हो जाने के बाद ग्रेडेड एक्शन प्लान को लागू कर दिया जायेगा.
प्रो अशोक घोष ने बताया कि 25 नवंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न शहरों में प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को देखते हुए संबंधित डीएम को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. साथ ही उनसे ब्योरा भी भेजने को कहा कि कहां क्या कार्रवाई हुई है. बैठक में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर भी शामिल हुए.
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लैंड फिल में कचरा जलाना और ऐसा करने वालों पर कड़ा जुर्माना
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ईंट भट्ठों व अन्य उद्योगों से सख्ती से प्रदूषण मानकों का पालन करवाना
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अधिक धुआं उड़ाने वाले वाहनों पर कड़ा जुर्माना
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निर्माण गतिविधि में धूल उड़ाने पर रोक
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पटाखों पर सख्ती से रोक
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ट्रैफिक जाम रोकने की व्यवस्था
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सोशल मीडिया, मोबाइल एप आदि के माध्यम से लोगों में जागृत
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ट्रकों के शहर में प्रवेश पर रोक
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डीजल सेट के चलाने पर रोक
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पार्किंग शुल्क को तीन-चार गुना तक बढ़ाना
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं को बढ़ाना
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इस तरह से रेगुलेट
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करना कि पिक ऑवर से ऑफ ऑवर में वाहनों का प्रेशर शिफ्ट हो
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शहर का मशीनों से सफाई व पानी का छिड़काव बढ़ाना
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ऑड और इवन नंबर पर वाहनों को आने जाने का आदेश देना
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बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वायु प्रदूषण स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित करना
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राष्ट्रीय वायु शुद्धता कार्यक्रम के अंतर्गत डीएम के नेतृत्व में जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन,जो स्कूलों को बंद करने समेत अन्य अतिरिक्त कदम उठाने पर निर्णय लेगा.