Jharkhand News: रांची से वाराणसी और कोलकाता जाना अब और आसान होगा. नये साल के जनवरी माह में छह लेन वाले इसे एक्सप्रेसवे (Expressway) में काम शुरू हो जाएगा. इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी हो गयी है. वर्क ऑर्डर भी दिसंबर, 2022 तक आवंटित कर दिया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 610 किलोमीटर है.
झारखंड के चतरा से करेगी प्रवेश
इस एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने से जहां नेशनल हाइवे-टू (स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क) पर वाहनों की आवाजाही कुछ हद तक कम होगी, वहीं रांची तक परेशानी मुक्त यात्रा भी सुनिश्चित हो सकेगी. यहा सड़क झारखंड के चतरा से प्रवेश करते हुए करीब 187 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस दौरान बोकारो, हजारीबाग और रामगढ़ होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में प्रवेश करेगी. फिर यहां से बांकुड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा को जोड़ते हुए कोलकाता तक पहुंचेगी.
बिहार से भी गुजरेगा एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे का करीब 159 किलोमीटर का हिस्सा बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया के रास्ते से होकर गुजरेगा. पहले चरण में कैमूर जिले के भभुआ-अधौरा रोड पर चौंदौली-चैनपुर रोड के खैंटी गांव जंक्शन से पलका गांव तक इस सड़क का निर्माण होगा. इसको लेकर क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का काम भी चल रहा है. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से पटना से वाराणसी वाया मोहनिया और पटना से गया वाया रांची तक यात्रा सुलभ हो जाएगी.
610 किलोमीटर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना
बता दें कि भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project- BMP) फेज-टू के तहत 610 किलोमीटर लंबी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है. इसके बनने से देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों की सड़क को हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करने में सहूलियत होगी.
चार राज्यों से गुजरेगी एक्सप्रेसवे
यह योजना के तहत देश के चार राज्यों से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे गुजरेगी. इसके तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सड़कों की कनेक्टिविटी सुलभ होगी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वाराणसी से शुरू होने वाले एक्सप्रेसवे के लिए ग्लोबल टेंडर जारी की थी.