बीजिंग/नई दिल्ली : चीन में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी डेटिंग ऐप्स और टेलीग्राम जैसे प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेकर अधिकारियों को जमकर धता बता रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स इन ऐप्स के जरिए सरकारी विरोधी प्रदर्शनों का वीडियो, फोटो और अन्य सामग्री पोस्ट कर रहे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में राष्ट्रपति के तौर पर शी जिनपिंग का सत्ता संभालने के दौरान करीब एक दशक में सविनय अवज्ञा के तौर पर यह सबसे बड़ा विरोध-प्रदर्शन है. बीते शुक्रवार से शुरू यह विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है. खासकर, चीन के पश्चिमी शहर उरुमकी की एक इमारत में आग लगने और वुहान शहर से तीन साल पहले कोरोना के वायरस का दुनियाभर में प्रसार के बाद शी जिनपिंग सरकार की ओर से जीरो-कोविड नीति के लॉकडाउन लागू करने बाद लोगों की नाराजगी सड़कों पर नजर आने लगी.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में लागू लॉकडाउन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया. बावजूद इसके प्रदर्शनकारी डेटिंग ऐप्स और टेलीग्राम जैसे ऐप्स और सोशल साइट का इस्तेमाल कर विरोध-प्रदर्शन और सभाओं के वीडियो, फोटो और अन्य सामग्रियों को पोस्ट कर रहे हैं. हालांकि, चीनी अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए आरोपों से इनकार किया कि लॉकडाउन ने लोगों को आग से बचने से रोक दिया था, लेकिन उरुमकी सड़कों पर विरोध को नहीं रोका, जिसके वीडियो वीबो और डॉयिन सोशल मीडिया ऐप पर पोस्ट किए गए थे. सेंसर ने उन्हें जल्दी से खंगालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें न केवल चीनी सोशल मीडिया बल्कि चीन में प्रतिबंधित ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी डाउनलोड और रीपोस्ट मिला.
यूएस-आधारित गैर-लाभकारी फ्रीडम हाउस द्वारा संचालित एक डेटाबेस कंपनी चाइना डिसेंट मॉनिटर के शोध के प्रमुख केविन स्लेटन ने कहा कि तमाम प्रतिबंधों के बावजूद चीन के कई शहरों में छात्रों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान जो सभाएं की, उसका भी वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट किया और एक-दूसरे के पास भेजा. हालांकि, सरकारी मीडिया और सरकार ने इस प्रकार के विरोध-प्रदर्शनों का कहीं पर जिक्र नहीं किया है.
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विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को विरोध के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन कानून के शासन वाला देश है और इसके नागरिकों के सभी अधिकार और स्वतंत्रता सुरक्षित हैं लेकिन उन्हें कानून के ढांचे के भीतर प्रयोग किया जाना चाहिए. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना नियंत्रणों के बारे में सार्वजनिक शिकायतें अत्यधिक कार्यान्वयन से उपजी हैं, न कि स्वयं उपायों से ऐसी स्थिति बनी है.