Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में तीन दिन तक मिशन मोड में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के अंर्तगत ‘प्रतिबद्ध: 75 जनपद, 75 घंटे, 750 निकाय’ अभियान 1 दिसंबर से शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत प्रदेश के 750 निकायों में कूड़ा एकत्रीकरण के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों ‘गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट्स’ को पूरी तरह हटाते हुए स्वच्छ स्थान में परिवर्तित करने की योजना है.
इस अभियान को गति देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन, उत्तर प्रदेश की निदेशक नेहा शर्मा की तरफ से सभी नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है. इसमें समय सीमा के अंदर अभियान चलाकर उद्देश्य की पूर्ति के निर्देश जारी किए गए हैं. इन स्थानों पर सफाई के बाद सौंदर्यीकरण भी होगा और कई स्थानों को सेल्फी पॉइंट के तौर पर विकसित किया जाएगा.
खास बात है कि मिशन मोड में संचालित इस अभियान की रिकॉर्डिंग और डॉक्यूमेंटेशन भी किया जाएगा. इसके लिए डीएसएलआर कैमरा, ड्रोन की भी व्यवस्था की जाएगी. अभियान के तहत नगरीय निकाय अपने वहां सभी गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स को पुनः चिह्नित करेंगे. इसके बाद एक दिसंबर से तीन दिसंबर तक संचालित इस अभियान के अंतर्गत इनको स्थायी रूप से हटाने का काम किया जाएगा.
हटाये गए गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स से निकले कूड़े को गीले और सूखे कूड़े के रूप में अलग किया जाएगा और शेष कूड़े का वैज्ञानिक विधि के जरिए निस्तारण कराना होगा. साथ ही प्लास्टिक, बोतल, कांच का आकलन कर प्राप्त आंकड़ों का डॉक्यूमेंट कर निकाय स्तर पर सुरक्षित करने को कहा गया है.
सभी हटाये गए गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स का सौदर्यीकरण कराया जाएग. इन जगहों पर सेल्फी प्वांइट्स, रेहड़ी पटरी वालों को जगह आवंटित करना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेंच की व्यवस्था एवं पेड़ व गमला लगाना जैसे कार्य किये जाएंगे. निर्देश दिए गए हैं कि इस स्थान को एक नजीर के रूप में विकसित किया जाए और भविष्य में भी ये स्थान अपने नये स्वरूप में बरकरार रहें, जिससे लोग यहां कूड़ा फेंकने की बजाय अपना समय गुजारें.
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‘प्रतिबद्ध 75 जनपद 75 घंटे 750 निकाय’ अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निकायों को तीन मुख्य श्रेणियों क्रमशः नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत में जनसंख्या आधारित पांच उप श्रेणियों के अंतर्गत राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा. प्रत्येक श्रेणी में शीर्ष तीन निकायों को पूरे प्रदेश में प्रचारित किया जाएगा और दूसरे निकायों के लिए उन्हें आदर्श निकाय बनाया जाएगा.