13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची में रीजनल साइंस सेंटर अब साइंस सिटी का लेगा रूप, NCSM को सौंपी जिम्मेवारी

रांची के टैगोर हिल रोड स्थित चिरौंदी में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र अब साइंस सिटी का रूप लेगा. इसे लेकर राज्य सरकार ने कोलकाता स्थित केंद्रीय एजेंसी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) को जिम्मेवारी सौंपी है.

Ranchi News: टैगोर हिल रोड स्थित चिरौंदी में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र अब साइंस सिटी का रूप लेगा. साइंस सिटी बनाने का मार्ग लगभग प्रशस्त हो गया है. इसके लिए राज्य सरकार ने कोलकाता स्थित केंद्रीय एजेंसी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) को जिम्मेवारी सौंपी है. प्रथम चरण में सेंटर में मुख्य रूप से दो गैलरी फन साइंस व हाउ थींग्स वर्क गैलरी तथा साइंस पार्क की मरम्मत के लिए 28 लाख 69 हजार 856 रुपये एनसीएसएम कोलकाता को अग्रिम देने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल कुमार पुरवार ने राशि निर्गत करने के लिए महालेखाकार को स्वीकृति दी है.

राहुल कुमार पुरवार के अनुसार, राज्य में झारखंड काउंसिल ऑन साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (जेसीएसटीआइ) की स्थापना कर विज्ञान के प्रचार-प्रसार और वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने के लिए विज्ञान केंद्र की स्थापना की गयी. इसके माध्यम से वैज्ञानिक शोध, वैज्ञानिक व्याख्यान, कार्यशाला, सेमिनार और वैज्ञानिक मेला आदि का भी आयोजन होना है. वर्ष 2010 में झारखंड सरकार ने रांची के चिरौंदी में 11.6775 एकड़ भूमि पर एनसीएसएम के सहयोग से 4200 वर्ग मीटर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की स्थापना की. इसकी स्थापना के 12 वर्ष हो गये हैं, जबकि मार्च 2020 से कोरोना महामारी के कारण सेंटर बंद है. ऐसी स्थिति में वहां वैज्ञानिक उपकरण आदि खराब हो गये हैं, जिसकी तत्काल मरम्मत जरूरी है. बताते चलें कि एनसीएसएम भारत सरकार की ख्याति प्राप्त संस्था है. वर्तमान में इसे पूरे भारत में 25 विज्ञान केंद्र व म्यूजियम संचालित करने की जिम्मेवारी मिली है.

Also Read: रांची के नामकुम ग्रिड से जुड़ेगा RIMS सब स्टेशन, केबल बिछाने का काम हुआ शुरू
खेल के माध्यम से ले सकेंगे विज्ञान की जानकारी

सेंटर में कई वैज्ञानिक यंत्र लगाये गये हैं. खेल के माध्यम से वैज्ञानिक जानकारी ली जा सकती है. यहां खनिज, कोयला आदि जमीन के अंदर से निकालने की प्रक्रिया, स्क्रीन पर क्विज, कृत्रिम जंगल, जानवर आदि का दृश्य,झारखंड की जाति, जनजाति साहित्य, कला, नृत्य, वाद्य यंत्र आदि के प्रारूप बनाये गये हैं. मेजिकल मिरर सहित हवा में तैरते गेंद, हेलीकॉप्टर उड़ने की तकनीक, चार पहिया वाहन के ब्रेक सिस्टम, जुरासिक पार्क के रूप आदि की जानकारी दी गयी है.

परिसर का तारामंडल सितंबर से है बंद

सेंटर परिसर में एक तरफ तारामंडल भी है. कोरोना काल में यह बंद हो गया था. जिससे चूहों ने कई महत्वपूर्ण उपकरण और तार काट दिये. राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत करायी. बिजली बिल बकाया का भुगतान कर इसे मई में चालू किया गया, लेकिन यह सितंबर 2022 से बंद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें