Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण ने हवा को जहरीला कर दिया है. इससे लोगों का सांस लेना दूभर गया है. सबसे अधिक बुजर्ग और बच्चों पर बढ़ते प्रदूषण का असर है. शहर के सिविल लाइंस, राजेंद्रनगर आदि की सड़क खुदीं पड़ी हैं, जिसके चलते धूल उड़ रही है. वाहनों के धुएं और उड़ती धूल ने हवा को जहरीला किया है.
बरेली का वर्ष 2018 में स्मार्ट सिटी में चयन हुआ था. मगर, इसके बाद से बरेली में सीवर, टूटी सड़क और ओवरब्रिज निर्माण के चलते जगह-जगह खुदाई चल रही है. इससे सुबह से रात तक शहर की सड़कों से धूल उड़ती रहती है. बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण से सांस लेना मुश्किल हो गया है. बरेली का एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है. बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) लगातार बढ़ रहा है. सोमवार सुबह 138 हो गया है.
सोमवार सुबह शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 102, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 155, और सुभाषनगर का एक्यूआई 156 हो गया है. इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 36, राजेंद्र नगर का 63, और सुभाषनगर का 65 है, जो काफी बताया जा रहा है. इसके साथ ही पीएम 10 सिविल लाइंस का 73, राजेंद्र नगर का 129 और सुभाषनगर का 109 हो गया है. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा जहरीली हो गई है. अगर, यहीं हालत रही तो बरेली का एक्यूआई दिल्ली की तरह हो जाएगा.
0 से 50 एक्यूआई है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 एक्यूआई भी ठीक है. लेकिन, संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. एक्यूआई 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 एक्यूआई से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 एक्यूआई काफी खराब है.
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लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 एक्यूआई बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 एक्यूआई सबसे अधिक खतरनाक है. ऐसी स्थिति में इंसान की सेहत बेहद खराब होती है.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली