Tilting Train: तकनीक के मामले में भारत दूसरे देशों को लगातार टक्कर दे रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि भारत अब जल्द ही झुकी हुई ट्रेनें यानी टिल्ट ट्रेनें पटरी पर दौड़ाने वाली है. दरअसल इस तकनीक का इस्तेमाल करके 100 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाना है, जो 2025-26 तक बनकर तैयार हो जाएंगी.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत को जल्दी ही इस तकनीक का उपयोग करके 100 वंदे भारत ट्रेनों के साथ अपनी पहली झुकी हुई ट्रेनें मिलने वाली है, जिससे उन्हें हाई स्पीड पर टर्न लेने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि ये ट्रेनें 2025-26 तक तैयार हो जाएंगी. साथ ह कहा कि 2025 तक निर्मित होने वाली 400 वंदे भारत ट्रेनों में से 100 से अधिक में यह तकनीक होगी. हमारे पास देश में झुकी हुई ट्रेनें होंगी. हम इसके लिए एक टेक्नोलॉजी पार्टनर से टाई-अप करेंगे.
Also Read: ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर हरा रंग क्यों पहनते हैं? जानें इसके पीछे का कारण
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर झुकी हुई ट्रेनं कैसे काम करती है, इसे लेकर अधिकारी ने समझाया कि जैसे ही एक ट्रेन हाई स्पीड में टर्न करती है तो ट्रेन में बैठने वाले यात्रियों को आर्मरेस्ट से कुचला हुआ महसूस होता है या खड़े यात्री अपना संतुलन खो देते हैं. साथ ही फिसलने का खतरा रहता है. टिल्टिंग ट्रेनों में एक सिस्टम है जो नियमित ब्रॉड-गेज ट्रैक पर ट्रेन की हाई स्पीड के दौरान भी ट्रैक के मोड़ पर आराम से झुकते हैं.
बताएं आपको कि ऐसी ट्रेनें अब 11 देशों – इटली, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, फिनलैंड, रूस, चेक गणराज्य, यूके, स्विट्जरलैंड, चीन, जर्मनी और रोमानिया में पटरी पर दौड़ रही है.
भारतीय रेलवे ने ऐसी ट्रेनों को लेकर पहले भी कई ऑपशन खोज चुका है, लेकिन कभी भी किसी भी विवरण को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. इसने स्पेनिश निर्माता टैल्गो के साथ-साथ स्विट्जरलैंड सरकार के साथ भी चर्चा की है..
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कुछ लोग मोशन सिकनेस से पीड़ित हो सकते हैं या इन झुकी हुई ट्रेनों में उल्टी करने की प्रवृत्ति रखते हैं.