बिहार में धान की खेती करने वाले रैयत किसान धान की खेती में कम रुचि ले रहे हैं. वह अपने खेत को बटाई पर दे रहे रहे हैं. सरकारी धान खरीद केंद्रों पर निबंधित किसानों के आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य के कुल धान किसानों में 41 फीसदी ही रैयत हैं. 59 फीसदी किसान वो हैं, जो दूसरे से खेतों पर धान की खेती कर रहे हैं. सहकारिता विभाग के आंकड़ों के अनुसार सरकार को धान बेचने के लिए अभी तक पांच लाख 54 हजार 695 किसानों ने पंजीकरण कराया है. इनमें से रैयत की संख्या दो लाख 29 हजार 478 है. गैर रैयत की संख्या 325217 है. अररिया, कैमूर मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखुपरा, सीतामढ़ी, वैशाली और पश्चिम चंपारण यह 10 जिले ऐसे हैं जहां रैयत किसानों ने खुद खेती की. नवादा, सीतामढ़ी , पश्चिमी चंपारण और वैशाली में धान उगाने वाले रैयत किसानों की संख्या गैर रैयत से लगभग दोगुनी के आसपास है.
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6617 खरीद केंद्रों पर 13818 किसानों से 98511.506 टन धान की खरीद
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41%किसान खुद कर रहे धान की खेती
सरकार को धान बेचने के लिए अभी तक कुल पांच लाख 54 हजार 695 किसानों ने पंजीकरण कराया है. इनमें पांच लाख 33 हजार 948 किसानों ने पैक्स को अपना धान बेचने की इच्छा जतायी है. वहीं, व्यापार मंडल को धान देने के लिए 20747 किसानों ने सहमति दी है.
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सहकारिता विभाग धान खरीद के एक लाख टन की सीमा को छू गया है. रविवार शाम पांच बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार 6617 खरीद केंद्रों पर 13818 किसानों ने 98511.506 टन धान बेचा. रविवार को प्रदेशभर के खरीद केंद्रों ने 826 किसानों से 6149.594 टन धान की खरीद हुई. वहीं, रविवार को सीतातढ़ी, लखीसराय, कैमूर, भोजपुर, जमुई, भागलपुर,