Jharkhand Naxal News: झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में रह रहे लोगों को अब सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है. उन्हें स्वास्थ्य एवं शिक्षा मिल रही है. अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिलने लगा है. चार दशक पहले इन इलाकों में कोई आधारभूत संरचना नहीं थी, लेकिन सरकार ने कई विकास कार्य किये हैं, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलने लगा है.
ये बातें सीआरपीएफ के झारखंड रेंज के आईजी अमित कुमार ने शनिवार को कहीं. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिन इलाकों में सुरक्षा बलों के लिए कैंप की स्थापना की गयी, उन इलाकों में विकास काम में भी तेजी आयी. सड़कें बनीं. बिजली की सप्लाई वहां शुरू हुई. लोगों ने खुद को सुरक्षित महसूस किया, तो व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू हो गयीं. धीरे-धीरे स्थिति सामान्य की ओर बढ़ने लगी.
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झारखंड रेंज के सीआरपीएफ के आईजी अमित कुमार ने कहा कि झारखंड के तीन जिलों और छत्तीसगढ़ की सीमा तक फैले बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने का अभियान लगातार चल रहा है. नक्सलियों का मजबूत गढ़ माने जाने वाले बूढ़ा पहाड़ को नक्सलमुक्त करने के लिए सुरक्षा बलों ने दो फेज में ऑपरेशन ‘ऑक्टोपस’ लांच किया था.
पहला चरण अगस्त में चलाया गया. इस दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के ठिकानों की पहचान की. सितंबर में दूसरा चरण शुरू हुआ. इस दौरान 4 नये कैंप की स्थापना की गयी. सुरक्षा बलों के जवान अब इलाके को सैनिटाइज करने में जुटे हैं. क्षेत्र से बड़े पैमाने पर हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं. 29 आईईडी बरामद किये गये हैं.
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श्री कुमार ने कहा कि सुरक्षा बल अब इस इलाके में नक्सलियों पर भारी पड़ रहे हैं. नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक नक्सलियों के सारे ठिकानों को ध्वस्त नहीं कर देंगे, तब तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड अब नक्सलमुक्त होने की राह पर है. नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ बूढ़ा पहाड़, चाईबासा, खूंटी और सरायकेला और पारसनाथ पहाड़ पर हमने पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है.
अमित कुमार ने कहा कि नक्सलियों का एक और गढ़ है चाईबासा. एक-दो महीने के भीतर हम वहां से भी नक्सलियों को खदेड़ देंगे. उन्होंने कहा बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित चक्रबांधा भी नक्सलियों का एक गढ़ है. हमने बिहार के औरंगाबाद में चार कैंप बनाये और जनवरी से जुलाई तक वहां ऑपरेशन चलाया. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हमने नक्सलियों को वहां से खदेड़ दिया.