22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में चार विभागों के कारण ग्रामसभा को नहीं मिल पा रहीं अतिरिक्त शक्तियां, जानें क्या कहता है नियम

ग्रामसभा के पेसा अधिनियम के तहत अतिरिक्त शक्तियां नहीं मिल रही हैं. 23 नवंबर को भी हुई टीएसी की बैठक में यह मुद्दा उठा था. इसके बाद तत्काल विभागीय सचिवों को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

रांची : झारखंड सरकार ने पेसा अधिनियम-1996 के तहत ग्रामसभाओं को अतिरिक्त शक्तियां देने के लिए नियम बनाया है. इसे झारखंड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) नियमावली-2022 का नाम दिया गया है. इसे लागू करने के लिए 15 विभागों की सहमति की जरूरत है. इसमें से अब तक चार विभागों ने अपना कोई मंतव्य सरकार को नहीं दिया है. जबकि, यह मंतव्य टीएसी की अनुशंसा के आलोक में मांगा गया था.

मंतव्य नहीं मिलने की वजह से ग्रामसभा के पेसा अधिनियम के तहत अतिरिक्त शक्तियां नहीं मिल रही हैं. 23 नवंबर को भी हुई टीएसी की बैठक में यह मुद्दा उठा था. इसके बाद तत्काल विभागीय सचिवों को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

क्या है प्रस्ताव में :

प्रस्ताव के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों के प्रावधानों के अंतर्गत ‘ग्राम’ का गठन किया जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर डीसी जिला गजट में अधिसूचना जारी कर ‘ग्राम’ को निर्दिष्ट करेंगे. इसके बाद झारखंड ग्रामसभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया एवं कामकाज का संचालन) नियमावली-2003 की धारा तीन एवं चार के तहत ग्रामसभा का गठन किया जायेगा.

ग्रामसभा अपने कार्यों के लिए स्थायी समितियों को गठन कर सकेगी. जिसमें ग्राम विकास समिति, सार्वजनिक संपदा समिति, कृषि समिति, स्वास्थ्य समिति, ग्राम रक्षा समिति, आधारभूत संरचना समिति, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय समिति एवं निगरानी समिति होगी. प्रत्येक समिति में आठ सदस्य होंगे जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी एवं 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के सदस्य होना अनिवार्य होगा.

इन अधिकारों पर है पेच

01. प्रस्ताव की कंडिका नौ में प्रावधान किया गया है कि ग्राम पंचायत योजनाओं और परियोजनाओं पर ग्रामसभा का अनुमोदन प्राप्त करेगी. ग्रामसभा क्षेत्र में कोई कार्यक्रम या परियोजना प्रारंभ करने से पूर्व ग्राम पंचायत, सरकारी विभाग या अन्य संस्था ग्राम पंचायत के मुखिया के माध्यम से प्रस्ताव को ग्रामसभा के समक्ष इसके अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी. तब ग्रामसभा या तो संस्था द्वारा पेश किये गये रूप में या कुछ शर्तों के साथ इसे अनुमोदित करेगी. इसके अलावा ग्रामसभा में विवादों की सुनवाई हो सकेगी जैसे अधिकार शामिल हैं. साथ ही दंड देने का भी प्रावधान है. भू-अर्जन एवं पुनर्स्थापना से पूर्व ग्रामसभा से परामर्श लेने का प्रावधान किया गया है.

02. जल संसाधनों के प्रबंधन एवं उपयोग के लिए ग्रामसभा की अनुमति लेनी होगी. ग्रामसभा से परामर्श लेने के बाद ही सिंचाई के लिए जल के उपयोग को मंजूरी दी जा सकेगी.

03. मछली पालन के लिए तालाब एवं जल स्रोत की नीलामी करने के पूर्व संबंधित ग्रामसभा की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा.

04. ग्रामसभा मिट्टी, पत्थर, बालू, मोरम सहित अपने क्षेत्र में पाये जानेवाले लघु खनिजों के लिए योजना बनाने और उसके उपयोग के लिए सक्षम होगी. ग्रामसभा स्वयं बालू घाट की संचालक होगी अथवा अपने स्तर से स्थानीय स्तर पर नीलामी करेगी. इसके अलावा ग्रामसभा को सामुदायिक वन संसाधनों के प्रबंधन की जवाबदेही देने का प्रस्ताव है. साथ ही लघु वनोत्पादों का प्रबंधन, मूल्य एवं रॉयल्टी तय करने जैसे अधिकार शामिल हैं.

इन विभागों ने दे दी है सहमति

गृह, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, खान विभाग, उत्पाद एवं मद्य निषेध, विधि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, स्कूली शिक्षा, टीआरआइ, कृषि विभाग, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग.

इन विभागों ने नहीं दी है सहमति

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें