Jharkhand News, Ranchi News रांची: मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने झारखंड हाइकोर्ट से जमानत लेने के लिए झूठा मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त करने की कोशिश की थी. गलत सर्टिफिकेट देकर वह मेडिकल लाभ लेने की कोशिश कर रही थीं. ऐसा इसलिए संभव नहीं हो सका, क्योंकि इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट के ऑफिसर वहां माैजूद थे.
ईडी के वकील ने दी दलील : रिम्स की जो मेडिकल रिपोर्ट आयी है, वह कहती है कि पूजा सिंघल मेंटली (मनोवैज्ञानिक रूप से) और मेडिकली (शारीरिक रूप से) फिट हैं. पूजा सिंघल वरीय अधिकारी हैं. उनके बाहर आने से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है, इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज की जाये. इडी की ओर से उनके अधिवक्ता अमित कुमार दास ने हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी थी.
अदालत ने प्रार्थी व इडी का पक्ष सुनने के बाद तीन नवंबर को पूजा सिंघल को राहत देने से इनकार करते हुए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा था कि पूजा सिंघल झारखंड की वरीय आइएएस अधिकारी हैं. इडी ने उनके जेल से बाहर आने पर सबूत नष्ट किये जाने की आशंका जतायी है. विभागीय कार्यवाही में वह दोषमुक्त रही हैं. अदालत उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. यह अदालत केवल पूजा सिंघल की नियमित जमानत अर्जी पर विचार कर रही है. इस स्टेज में पूजा सिंघल को नियमित जमानत देने के लिए अदालत इच्छुक नहीं है.
आयकर की टीम गुरुवार को दोबारा गोड्डा के पोड़ैयाहाट पहुंची. विधायक प्रदीप यादव के प्रतिनिधि देवेंद्र पंडित के आवास पर दिन के 11 बजे पहुंची. श्री पंडित के सील किये गये कमरे को खोला. कागजात को जब्त किया. इस दौरान श्री पंडित स्वयं आवास पर मौजूद थे. टीम के अधिकारी ने कागजात का ब्योरा मांगा. इस पर विधायक के निजी सहायक ने विस्तार से जानकारी दी. टीम के अधिकारी कुछ कागजात अपने साथ ले गये. योजना संंबंधी फाइल के बारे में भी पूछताछ की.
टीम तकरीबन दो तीन घंटे के बाद कागजात आदि लेकर निकल गयी. इसमें चार से पांच अधिकारी शामिल थे. मालूम हो कि बीते दिन तीन नवंबर को आयकर के अधिकारियों का झारखंड के कई जिले में एक साथ छापेमारी की गयी थी. इसमें गोड्डा में पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के पैतृक आवास बोहरा व मुफस्सिल थाना के सामने आवास व होटल मालिक के साथ विधायक प्रतिनिधि देवेंद्र पंडित के आवास पर भी आयकर के अधिकारियों ने छापेमारी की थी. तब श्री पंडित आवास पर नहीं थे.