गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी में जहां कर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है. वहीं देनदारी भी बढ़ कर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है. एचइसी को कच्चे माल की सप्लाई करनेवाले कई सप्लायर अब बकाया भुगतान के बाद ही सप्लाई करने की बात कह रहे हैं. दूसरी ओर एचइसी के अधिकारी 18 दिनों से नियमित वेतन भुगतान करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इस कारण एचइसी के तीनों प्लांट एचएमबीपी, एफएफपी व एचएमटीपी में उत्पादन ठप है.
अधिकारियों का 13 माह व कर्मियों का नौ माह का वेतन बकाया है. हालांकि एचइसी के कार्मिक निदेशक एमके सक्सेना व निदेशन विपणन सह उत्पादन डॉ राणा एस चक्रवर्ती हर माह एचइसी की वर्तमान स्थिति से भारी उद्योग मंत्रालय को अवगत कराते आ रहे हैं. हालांकि मंत्रालय द्वारा एचइसी को अभी तक कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है. सांसद संजय सेठ सहित अन्य सांसदों ने भी संसद में एचइसी को लेकर प्रश्न उठाया लेकिन एचइसी भविष्य में कैसे चलेगा इस पर संशय बना हुआ है.
सीआइएसएफ 132 करोड़
बिजली बिल 163 करोड़
पानी 58 करोड़
सरकारी लोन 48 करोड़
ग्रेच्युटी 74 करोड़
वेंडर 150 करोड़
बैंक लोन 204 करोड़
सीपीएफ-पीपीएफ 108 करोड़
लीव सैलरी 21 करोड़
अन्य देनदारी 105 करोड़
एचइसी में जहां कर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है. वहीं प्रबंधन बैंक को हर माह डेढ़ करोड़ रुपया लोन के एवज में भुगतान करता है. इस संबंध में एचइसी के अधिकारी ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा पूर्व में एचइसी को बैंक गारंटी दी जाती थी, जो पिछले चार वर्षों से बंद कर दिया गया है. इसके कारण एचइसी को हर माह डेढ़ करोड़ रुपया लोन का किस्त देना पड़ता है.