पटना जिले के सिकंदरपुर गांव में दो दिन पूर्व गांव की विवादित जमीन विवाद में गोली लगने से हरेंद्र वर्मा नामक युवक की मौत हो गयी थी. इस मामले में मंगलवार को पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. दानापुर एएसपी अभिनव धीमान के नेतृत्व में मौदही गांव निवासी आरोपित अजीत कुमार उर्फ सुपाड़ी की गिरफ्तारी को लेकर घर पर छापेमारी की गयी. हालांकि मौके का फायदा उठाकर हत्याकांड में शामिल कुख्यात अपराधी मुकेश सिंह एवं अजीत कुमार उर्फ सुपाड़ी फरार हो गये. वहीं पुलिस ने आरोपित की घर की तलाशी के दौरान दो विदेशी राइफल सहित तीन रायफल, करीब सवा तीन सौ कारतूस और दो लाख दो हजार नकद रुपये बरामद किया है.
दानापुर एएसपी ने बिहटा थाना में प्रेस वार्ता करते हुए जानकारी दी. जहां उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व सिकंदरपुर गांव निवासी हरेंद्र वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया. टीम को सूचना मिली कि गोलीकांड के मुख्य आरोपित के गांव में अभी भी एक घर के अंदर भारी संख्या में रायफल और कारतूस रखा है.
बिहटा थानाध्यक्ष सनोवर खान व दानापुर क्यूआरटी पुलिस टीम के नेतृत्व में टीम ने सिकंदरपुर गांव निवासी मुकेश सिंह व मौदही गांव निवासी अजीत कुमार के घर पर छापेमारी की. छापेमारी में 326 कारतूस और तीन ऑटोमेटिक रायफल मिली. जिस पर मेड इन इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया लिखा है. जबकि एक एयर राइफल है. वहीं बैग में रखे करीब दो लाख दो हजार नकद रुपये बरामद किया गया. उन्होंने ने बताया कि आरोपी इन हथियारों का इस्तेमाल बालू के अवैध खनन में भी करता था. मुकेश अवैध बालू का धंधा करता है.
मुकेश पर बिहटा सहित अन्य थानों में कई मामले दर्ज हैं. हत्याकांड में शामिल एक अपराधी सिद्धेश्वर वर्मा को पहले ही गिरफ्तार किया गया है. जबकि तीन फरार हैं. गौरतलब हो कि रविवार देर शाम को सिकंदरपुर गांव में जमीन विवाद में गोलीबारी में सिकंदरपुर गांव निवासी हरेंद्र वर्मा नामक युवक के पेट में गोली लगने से मौत हो गयी थी. गांव में तनाव को देखते हुए विशेष टीम की तैनाती की गयी है.
हत्या कांड में शामिल आरोपित मुकेश सिंह व अजीत कुमार के घर से छापेमारी के दौरान पुलिस ने सैकड़ों गोलियों, दो विदेशी रायफल व एक एयर रायफल बरामद की है. बताया जाता है की बरामद सभी विदेशी हथियार को अपराधियों ने मोटी रकम देकर अवैध बालू की खनन व अन्य आपराधिक घटनाओं में अंजाम देने के लिए विदेश से मंगवाया गया है. जबकि सभी विदेशी हथियार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड निर्मित हैं. जिसकी कीमत करोड़ रुपये बतायी जा रही है. जबकि एयर गन को अपराधियों ने शिकार के लिए रखा था. अब यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह सभी हथियार यहां कैसे पहुंचा.