26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Margashirsha Amavasya 2022: क्यों कृष्ण को प्रिय है मार्गशीर्ष महीना? जानें महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

Margashirsha Amavasya 2022: मार्गशीर्ष मास को अगहन महीना भी कहा जाता है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. साथ ही मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है. जानें इस दिन किये जाने वाले उपाय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

Margashirsha Amavasya 2022: मार्गशीर्ष मास को अगहन महीने के नाम से भी जानते हैं. इस महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष महत्व है. साथ ही मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है. उन्होंने इस मास के विषय में अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा भी था कि, सभी 12 महीनों में उन्हें मार्गशीर्ष मास बहुत ही ज्यादा प्रिय है. वहीं इस मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस दिन किया गया दान-पुण्य धार्मिक रूप से विशेष लाभकारी बताया गया है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पूजा-पाठ और अनुष्ठान आदि भी पुण्य फल देने वाला माना जाता है. जानें मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व.

मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022 (Margashirsha Amavasya Shubh Muhurat)

मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022

मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि- 23 नवंबर 2022, बुधवार

अमावस्या तिथि प्रारंभ- 23 नवंबर, सुबह 6:53 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त- 24 नवंबर, सुबह 4:26 बजे

शुभ मुहूर्त- 23 नवंबर, सुबह 5:6 बजे, सुबह 6:52 बजे

मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि (Margashirsha Amavasya Puja Vidhi)

  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और किसी पवित्र नदी, कुंड या तालाब में स्नान करें.

  • अमावस्या तिथि के दिन यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है.

  • माना जाता है कि मार्गशीर्ष मास अमावस्या के दिन यमुना में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

  • अमावस्या के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.

  • व्रत का संकल्प लेने के बाद अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और श्रीसत्यनारायण स्वामी की कथा कराएं.

  • पूरे परिवार के साथ कथा सुनें.

  • पूजा संपन्न होने के बाद ब्राह्मण को सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा दें.

  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन सत्यनारायण की पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

Also Read: Margashirsha Amavasya 2022 Date: मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? पितर दोष, शांति के लिए करें ये काम, महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का महत्व (Significance Of Margashirsha Amavasya)

हिन्दू धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि को कालसर्प दोष और पितृ दोष दूर करने के लिए विशेष महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान, गरीबों को दान और पूजा-अनुष्ठान करने से इन दोनों ही दोषों से मुक्ति मिल जाती है. शास्त्रों की बात करें तो इस दिन जितना हो सके उतना अन्न का दान ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अवश्य करना चाहिए. इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जलाना चाहिए.  

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें