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झारखंड में पांव पसार रहा है डेंगू, इस जिले के दो दर्जन छात्र चपेट में, हर दिन मिल रहे हैं संदिग्ध मरीज

जमशेदपुर में डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. इसका प्रकोप एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पहुंच गया है. कॉलेज के छात्रावास के दो दर्जन विद्यार्थी इसकी चपेट में आ चुके हैं. अभी चार विद्यार्थी डेंगू के संदिग्ध मरीज है

जमशेदपुर में डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. इसका प्रकोप एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पहुंच गया है. कॉलेज के छात्रावास के दो दर्जन विद्यार्थी इसकी चपेट में आ चुके हैं. अभी चार विद्यार्थी डेंगू के संदिग्ध मरीज है. जो एमजीएम हॉस्टल में ही रहकर इलाज करा रहे. डॉक्टरों के अनुसार हॉस्टल से प्रतिदिन चार -पांच विद्यार्थी डेंगू लक्षण लेकर आकर इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इससे हॉस्टल में दहशत का माहौल है. अस्पताल में चारों ओर गंदगी व नाली जाम के कारण उसमें मच्छर पैदा हो रहे हैं. जिससे मच्छर जनित बीमारी फैल रही है.

जिला सर्विलांस विभाग की टीम पहुंची, छात्रों का लिया सैंपल. सोमवार को जिला सर्विलांस विभाग के डॉ असद व मलेरिया विभाग के श्रवण कुमार के नेतृत्व में एक टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची. वहां बुखार से पीड़ित चार डेंगू संदिग्ध विद्यार्थियों की जांच के लिए सैंपल लिया. इसमें तीन छात्रा एवं एक छात्र शामिल है. सैंपल लेने के बाद उसकी जांच मेडिकल कॉलेज में ही करायी जा रही है.

जिले सर्विलांस के पदाधिकारियों के अनुसार छात्रों ने बताया कि इसके पहले कई विद्यार्थी डेंगू पीड़ित हुए उसमें कई ठीक हो गये. लेकिन उनकी ठीक से जांच नहीं होने के कारण कहा नहीं जा सकता है कि उन लोगों को डेंगू था या वायरल फीवर, इन चारों का सैंपल लिया गया अगर इनमें डेंगू मिले तो हो सकता है वे लोग भी डेंगू से पीड़ित थे.

फाइलेरिया व मलेरिया टीम ने किया एंटी लार्वा का छिड़काव. सोमवार को जिला फाइलेरिया व मलेरिया विभाग के साथ जुस्को की फॉगिंग टीम भी कॉलेज पहुंची. कुंदन कुमार के नेतृत्व में टीम ने एंटी लार्वा का छिड़काव किया, सभी जगहों पर सर्च अभियान चलाया. जुस्को टीम ने दोनों हॉस्टल के अंदर कोल फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया.

बागबेड़ा में मिला डेंगू का मरीज. बागबेड़ा बड़ौदा घाट के पास 40 वर्षीय युवक डेंगू पॉजिटिव पाया गया है. उसका इलाज रेलवे अस्पताल में चल रहा है. अभी तक पूरे जिले में 23 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं.

मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में कुछ बच्चे डेंगू से प्रभावित हुए हैं. ब्वॉयज हॉस्टल में तीन व गर्ल्स हॉस्टल में एक छात्रा डेंगू से पीड़ित है. इसके पहले कई छात्र इसके चपेट में आये थे जो ठीक भी हो गये हैं अस्पताल परिसर में समय-समय पर फॉगिंग व साफ सफाई कराया जाता है. हॉस्टल के पास नाली टूटने के कारण जाम हो गया था जिसे बनवाया गया. मेस की खिड़की टूटी हुई थी उसको बनवाने के साथ सभी रूम में जाली लगायी गयी. जिससे मच्छर अंदर नहीं जा सकें.

डॉ केएन सिंह, प्राचार्य, एमजीएम मेडिकल कॉलेज

हॉस्टल के चारों ओर नाली है, जिसमें हर समय पानी जमा रहता है, जिससे मच्छर पैदा हो रहे हैं. इसके साथ नाली जाम होने के कारण भी पानी नहीं निकलता है.

राकेश कुमार, छात्र

हॉस्टल के आसपास नाली जाम रहती है. जिसमें मच्छर पैदा हो रहे हैं. यहां सफाई करने वाले लोग सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते हैं जबकि नाली की सफाई प्रतिदिन होनी चाहिए.

विशाल कुमार, छात्र

अस्पताल के हॉस्टल के पास कभी-कभी फॉगिंग तो होती है लेकिन एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं होता है. जिससे मच्छरों की संख्या बढ़ जा रही है. इस समय ऐसी स्थिति है कि रूम में तो मच्छरदानी लगाकर सो जाते है लेकिन बाहर में, वाटर कूलर के पास सहित अन्य जगहों पर काफी मच्छर रहते है.

सौरभ, छात्र

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