पटना: रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से मां सीताजी की विशाल प्रतिमा स्थापित करने में आइआइटी, पटना तकनीकी सहयोग करेगा. माता सीता के 251 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है. रामायण रिसर्च काउंसिल ने आग्रह पत्र भेजा है.
इस विषय में संस्थान के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि यह पूरे राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है. एक तरफ इससे जहां देश की नारी सशक्तिकरण को बड़ा बल मिलेगा, तो वहीं, प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास होगा. रोजगार के नये आयाम भी खुलेंगे.
रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से एक टीम ने प्रो. टीएन सिंह से मिलकर तकनीकी सहयोग की अपील की थी, जिसे संस्थान ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. टीम में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विरेंद्रानंद जी महाराज, जगादाचार्य आश्रम के महंत स्वामी आराध्या सरस्वती जी महाराज, काउंसिल के अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्र, उपाध्यक्ष जयकांत सिंह, महासचिव कुमार सुशांत, सचिव पितांबर मिश्र के साथ अन्य सदस्य शामिल थे.
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इस विशाल प्रतिमा के चारों तरफ वृताकार रूप से 108 ऐसी प्रतिमाओं का भी निर्माण होना है, जिनसे माताजी के जीवन दर्शन का उल्लेख हो सकें. साथ ही इस स्थल को शक्ति स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 51 शक्तिपीठों से मिट्टी व जल लाकर तथा मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी सिद्ध पीठ आश्रम से ज्योत लाकर इस स्थान को शक्ति स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके अलावा देश का सबसे पहला सांस्कृतिक दूतावास भवन भी यही स्थापित होना है.
इस कार्य में समय-समय पर आइआइटी पटना द्वारा तकनीकी सहयोग मिलेगा. निर्माण प्रक्रिया पूर्ण होने तक सहयोग जारी करेगा. इस कार्य में सिविल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग मूल रूप से एक साथ काम करेंगे.