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वैशाली सड़क ट्रक हादसे के पीछे का तथ्य आया सामने, बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए…जानें डिटेल्स

Hajipur truck accident: जिस ट्रक से हादसा हुआ है. उसका चालक नशे में धुत था. शराबबंदी वाले बिहार में चालक ने इतनी शराब पी रखी थी. जिसका कल्पना आप नहीं कर सकते.

Vaishali Road Accident: बिहार के वैशाली में रविवार की रात लगभग 9 बजे एक बेकाबू ट्रक ने दर्जनों लोगों को रौंद दिया था. इस हादसे में कुल 12 लोगों की मौत हो गयी थी. मरने वालों कि सूची में अधिकर बच्चे और किशोर हैं. मौत के मातम के बाद अब कागजी कार्रवाई और जांच-पड़ताल की जा रही है. जांच में जो एक तथ्य निकल सामने वह आया है वह बेहद चौकानें वाला है. दरअसल, जिस ट्रक से हादसा हुआ है. उसका चालक नशे में धुत था. शराबबंदी वाले बिहार में चालक ने इतनी शराब पी रखी थी. जिसका कल्पना आप नहीं कर सकते.

45 फीसदी अल्कोहल का साक्ष्य मिला

बता दें कि शराबबंदी वाले बिहार में शराब का सेवन करने या तस्करी करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. इसके बावजूद जिस तरह से चालक ने शराब का सेवन कर गाड़ी को तेज रफ्तार में भगाया. उसको लेकर अब कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. सवाल पुलिस की गश्ती समेत अन्य जांच को लेकर भी उठ रहे हैं. बीते रविवार को हुए इस वीभत्स हादसे के बाद से बिहार वासियों के साथ-साथ पूरा देश मर्माहत है. लेकिन शराबबंदी वाले बिहार में ये हादसा टल सकता था. अगर ट्रक चालक ने शराब नहीं पी होती. जब चालक के शराब सेवन की जांच की गयी तो, 45 फीसदी शराब सेवन का साक्ष्य मिला. जिला प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है.

नशे में बिगड़ा स्टेयरिंग का बैलेंस….

जानकारी के मुताबिक ट्रक चालक नशे में धुत था. उसने इतनी शराब पी रखी थी कि वाहन चलाने के दौरान स्टेयरिंग से उसका बैलेंस बिगड़ गया. चालक का दिमाग पूरी तरह से अस्थिर था. जब ट्रक का बैलेंस बिगड़ा, तो चालक ने ब्रेक दबाने के बजाये. एक्सलेटर दबा दिया. जिसके बाद ट्रक बेकाबू होकर लोगों को रौंदते हुए. पीपल के पेड़ से जा टकराया. लोगों का कहना है कि अगर पीपल का पेड़ नहीं होता तो, 12 नहीं 50 से अधिक लोगों की जान गयी होती.

सड़क पर बिखड़ा था मानव अंग के चिथड़े

जिस दौरान यह विभत्स हादसा हुआ उस दौरान नयागंज-28 टोला के पास सड़क किनारे के एक विशाल पीपल पेड़ के नीचे भुइयां बाबा का पूजा हो रहा था. इसी दौरान एक बेकाबू ट्रक ने लोगों को रौंद दिया. हादसे के बाद के नजारे काफी भयानक था. मानव अंग के चिथड़े सड़क पर इधर-उधर पड़े हुए थे. एक किशोर का शव तो ट्रक के बोनट में काफी देर तक फंसा रहा. काफी मशक्कत के बाद शव को बोनट से निकाला गया था. हर तरफ चीख-पुकार मची हुयी थी. सड़क खून से लाल हो गया था. घटना इतना विभत्स था कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है.

उठ रहे गंभीर सवाल

बता दें कि अगर चालक ने शराब नहीं पी होती, तो शायद आज बिहार आंसुओं और गम में नहीं डूबा होता. खैर हादसे के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने शोक जताते हुए मौत के जख्म पर मुआवजे का मरहम लगा दिया है. लेकिन बड़ी बात यह कि जब पुलिस शराब और शराब का सेवन करने वाले लोगों पर सख्ती बरतने और कार्रवाई करने की बात कहती है. ट्रक चालक ने कैसे शराब का सेवन कर रखा था. अगर शराब का सेवन कर भी लिया गया था, तो पुलिस आरोपी चालक को घटना से पूर्व ही क्यों नहीं पकड़ सकी.

क्या बिहार में शराबबंदी हटाना रहेगा उचित

बता दें कि बीते दिनों महागठबंधन घटक दल के कई नेताओं ने शराब बंदी को हटाने की मांग की थी. हम प्रमुख जीतन राम मांझी तो शुरू से ही 200 से 250 एमएल तक शराब सेवन को लेकर पक्षधर रहे हैं. इन सब के बीच कांग्रेस की एक विधायक महोदया ने तो राज्य में राशन दुकान के तर्ज पर शराब की बिक्री को शुरू कराने की मांग की थी. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि किया ऐसे हादसे जिनके जड़ में शराब सेवन का कारण होता है, उसे देखते हुए बिहार में शराब की बिक्री को शुरू कराने या फिर ऐसी मांग कहा तक उचित रहेगा ?

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