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पटना में इन जगहों पर चलायी जा रही ‘दीदी की रसोई’, महज इतने रुपये देकर खायें स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन

Patna news: दीदी की रसोई बैंक, अस्पतालों, हॉस्टल, प्राइवेट संस्थान आदि में चल रही है. जीविका के डीपीसीयू के मैनेजर बिपिन कुमार ने बताया कि अस्पतालों के अलावा जो भी संस्थान, हमारे पास दीदी की रसोई खोलने को लेकर प्रस्ताव लाते हैं, उनकी पूर्ण रूप से जांच होती है और अनुमति दी जाती है.

जूही स्मिता, पटना: दीदी की रसोई योजना की शुरुआत साल 2018 में वैशाली के अस्पताल से की गयी थी. इस योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के सरकारी अस्पतालों के कैंटीन में जीविका दीदियों को यहां भर्ती मरीजों, उनके परिजनों और अस्पताल के स्टाफ को उच्च गुणवत्ता का खाना मुहैया कराना था.

वहीं, आज दीदी की रसोई बैंक, अस्पतालों, हॉस्टल, प्राइवेट संस्थान आदि में चल रही है. जीविका के डीपीसीयू के मैनेजर बिपिन कुमार ने बताया कि अस्पतालों के अलावा जो भी संस्थान, हमारे पास दीदी की रसोई खोलने को लेकर प्रस्ताव लाते हैं, उनकी पूर्ण रूप से जांच होती है और अनुमति दी जाती है. पटना जिले में 10 जगहों पर फिलहाल दीदी की रसोई चलायी जा रही है.

विभिन्न जगहों से 100 जीविका दीदियां अलग-अलग कैंटीन में कार्यरत

शहर में विभिन्न जगहोंं में चल रही दीदी की रसोई में 100 से ज्यादा जीविका दीदियां कार्य कर रही हैं. ये दीदियां फूलवारीशरीफ, दीघा, पटना सदर आदि जगहों से रोजाना सुबह आठ बजे से देर शाम तक कार्य करती हैं. इसके साथ ही दीदियों की मदद के लिए 20 स्टाफ को हायर किया गया है. दीदी की रसोई के खुलने का समय संस्थान पर निर्भर करता है. बैंक में सुबह नौ बजे से ही खुल जाती है, जबकि हॉस्टल और अस्पतालों में डे वाइज या फिर वीकली शिफ्ट किया जाता है.

प्राइवेट संस्थान में आम लोगों के लिए नहीं होता है भोजन

बैंक या फिर निजी कार्यालयों में दीदी की रसोई का इस्तेमाल केवल वहां के कर्मचारी करते हैं. इसके खुलने और बंद होने का समय यहां के समय अनुसार ही होता है, जबकि रजिस्ट्री ऑफिस और अस्पतालों में आम लोग न्यूनतम दर पर खाने का स्वाद ले सकते हैं

हर जगह अलग-अलग होती है खपत

आरबीआइ, पटना की शाखा में हर दिन काउंटर सेल सात से आठ हजार रुपये है. एसबीआइ में रोजाना पांच से छह हजार रुपये काउंटर सेल है, जबकि रजिस्ट्री ऑफिस में 12 से 13 हजार रुपये का काउंटर सेल है. वहीं, अस्पतालों में मरीज और परिजनों के अनुसार 15 हजार रुपये तक काउंटर सेल होता है.

अब तक पीएमसीएच और एनएमसीएच में नहीं शुरू हुई दीदी की रसोई

बिपिन कुमार बताते हैं कि पीएमसीएच और एनएमसीएच में दीदी की रसोई खोलने की बात हुुई है. दोनों जगहों के लिए साइट विजिट किया जा चुका है. पीएमसीएच में नयी बिल्डिंग बन रही है. ऐसे में दीदी की रसोई इसी साल खुलने की संभावना है. वहीं, एनएमसीएच में सारी तैयारी पूरी हो चुकी है. साल के आखिर में यहां भी दीदी की रसोई खुलने की संभावना है.

पटना में यहां चलायी जा रही दीदी की रसोई

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, पटना(मेन ब्रांच)

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पटना(मेन ब्रांच)

  • डेवलपमेंट मैनेजर इंस्टीट्यूट (डीएमआइ) पटना

  • रजिस्ट्री ऑफिस, पटना

  • सब डिविजनल हॉस्पिटल, बाढ़

  • गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल, पटना सिटी

  • राजकीय आंबेडकर एससी/एसटी स्कूल ,गायघाट

  • राजकीय आंबेडकर एससी/एसटी स्कूल, पुनपुन

  • राजकीय आंबेडकर एससी/एसटी स्कूल पिपलावां, नौबतपुर

  • एसडीएच, मसौढ़ी ( 18 नवंबर को होगा उद्घाटन)

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