Jharkhand News: राजधानीवासी इन दिनों बिजली संकट से परेशान हैं. वहीं, ग्रामीण व बाहरी इलाकों में यह संकट ज्यादा गंभीर है. शहर में रोजाना दो से तीन घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से छह घंटे की कटौती हो रही है. बार-बार बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं. कांके, पिठोरिया, नगड़ी, हटिया, ओरमांझी, रातू, नामकुम, टाटीसिलवे, सिंह मोड़ व लटमा इलाके में रोजाना पांच से छह घंटे बिजली की कटौती की जा रही है. पीक आवर में (खपत के घंटों में) ग्रिडों को लगातार बिजली की लगभग आधी सप्लाई हो रही है़ इसके चलते लोगों की दिनचर्या हर रोज प्रभावित हो रही है. सुबह पांच से 10 व शाम पांच से रात 10 बजे के बीच बिजली कटौती हो रही है.
ग्रिड से कम आपूर्ति होने के कारण बारी-बारी से इलाके में उपभोक्ताओं को बिजली दी गयी. असमय होनेवाले कटौती से परेशानी बाहरी इलाकों के सभी डिवीजन में बनी रही. डिमांड बढ़ने से हटिया 220/132 केवी ग्रिड पर भी काफी दबाव देखा गया. शनिवार को बिजली की कम उपलब्धता के चलते अन्य सभी ग्रिडों को भी जरूरत से कम बिजली मिली. बिजली की कमी के चलते हटिया वन 132/33 ग्रिड को 100 से 110 की जगह 50 से 70 मेगावाट पर, नामकुम ग्रिड को हर रोज शाम पांच बजे के बाद 85 से 95 मेगावाट की जगह करीब 40 से 60 मेगावाट पर जबकि, कांके ग्रिड को 70 से 75 मेगावाट की जगह 30 से 35 मेगावाट पर चलाया जाता है. इसके चलते ग्रिड से जुड़े सभी 33 केवी पावर सबस्टेशन को भी खपत की तुलना में करीब पांच घंटों तक आधी बिजली मिल रही है.
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समय : सुबह 5:31 बजे
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तीनों प्रमुख ग्रिडों को सुबह के वक्त कुल बिजली सप्लाई : 135 मेगावाट
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तीनों प्रमुख ग्रिडों में सुबह के वक्त कुल बिजली की मांग: 245-255 मेगावाट
समय : शाम 4:33 बजे
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तीनों प्रमुख ग्रिडों को शाम के बाद कुल बिजली सप्लाई : 105 मेगावाट
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तीनों प्रमुख ग्रिडों में शाम के वक्त कुल बिजली की मांग: 265-275 मेगावाट
ग्रिड : हटिया-वन
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दिन : शनिवार
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समय : सुबह 5:31 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 55 मेगावाट
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फुल लोड : 10 बजे दर्ज 100 मेगावाट
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समय शाम : 4:36 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 40 मेगावाट
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समय : सुबह 5:33 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 45 मेगावाट
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फुल लोड : 10 बजे दर्ज 95 मेगावाट
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समय शाम : 4:33 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 40 मेगावाट
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समय : सुबह 5:34 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 35 मेगावाट
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फुल लोड : दिन के दस बजे दर्ज 68.76 मेगावाट
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समय शाम : 4:38 बजे
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बिजली की आपूर्ति : 25 मेगावाट
राजधानी के अंदर बिजली की सेवाओं में कमी की सबसे बड़ी वजह सेंट्रल पुल से बिजली की कम खरीदारी होना है. इसके पीछे का एक बड़ा कारण राजधानी के बड़े बकायेदारों के साथ ही समय पर बिल का भुगतान नहीं होना है. जेबीवीएनएल के डिफॉल्टर लिस्ट के आंकड़ों के हिसाब से उपभोक्ता बिजली का उपभोग तो कर रहे हैं, पर समय पर इसका भुगतान नहीं कर रहे हैं. करोड़ों रुपये के बिल बकाया रहने के कारण ऊर्जा निगम को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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जून : 67.83 करोड़
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जुलाई : 79.6 करोड़
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अगस्त : 62.14 करोड़
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सितंबर : 61.83 करोड़
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नवंबर : 56 करोड़
राजधानी के सेंट्रल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता सीएम शर्मा ने शनिवार को संबंधित क्षेत्र के उर्जा मित्रों और अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें क्षेत्र के सहायक और कनीय विद्युत अभियंता मौजूद थे. इस दौरान ऊर्जा मित्रों के प्रदर्शन का आकलन किया गया. ऊर्जा मित्रों द्वारा उपभोक्ताओं का समय पर बिल नहीं तैयार करने के साथ ही गलत इंट्री पर चर्चा की गयी. निर्णय लिया गया कि आकलन के बाद खराब कार्य करने वाले उर्जा मित्रों को उनके कार्य से हटाया जायेगा. इस दौरान राजस्व संग्रह को लेकर अभियान चलाने पर भी सहमति बनी. इसमें 5000 रुपये से ज्यादा के बकायेदारों का कनेक्शन काटने का निर्णय लिया गया.