Patna University Student Union Election: पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए जारी मतदान के दौरान कुछ कथित छात्र ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया. पत्थर बाजी की भी घटनाएं हुई है. बता दें कि विवि के विभिन्न केंद्रों पर मतदान सुबह आठ बजे से शुरू हुआ था. जो दोपहर लगभग दो बजे तक चला. मतदान से थोड़ी देर पहले पटना कॉलेज के गेट पर पांच से छह राउंड फायरिंग होने से दहशत फैल गई.
फायरिंग का आरोप छात्रावास में रहने वाले लड़कों पर लगा है. इस घटना को कवर कर रहे प्रभात खबर के पत्रकारों मुधरेश नारायण और सुनिल मिश्रा पर कथित छात्रों ने हमला भी कर दिया. यहीं नहीं मोबाइल और फोटोग्राफर के कैमरे को छीनकर तोड़ दिया गया.
फायरिंग और बवाल पटेल छात्रावास और जैक्सन छात्रावास में रह रहे छात्रों के बीच हुई है. कथित छात्रों ने हंगामा शांत करने पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस को छात्र संघ चुनाव के बारे में सब कुछ पहले से पता था. हंगामा आदि होने की संभावना थी. तो पुलिस कि सभी तैयारियां विफल कैसे हो गयी.
पटना यूनिवर्सिटी बिहार के सियासी नेताओं का पॉलिटिकल ‘प्ले स्कूल’ माना जाता है. पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव से ही बिहार के कई कद्दावर नेताओं का देश की सियासत में प्रवेश हुआ. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी तक सभी नेता इसी पॉलिटिकल ‘प्ले स्कूल’ के सियासी प्रोडक्ट हैं. PU की छात्र राजनीति से निकले बिहार के कई बड़े नेता सियासी फलक पर चमक रहे हैं. हालांकि बिहार के इन दिग्गज नेताओं ने छात्र संघ के चुनाव में वो बवाल कभी नहीं किया था. जो वर्तमान के कथित छात्र कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर इन छात्र नेताओं की शुरुआत ही ऐसी है…तो इनका अंजाम कैसे होगा. क्या से छात्र नेता छात्र-छात्राओं के हित के लिए मुखर आवाज उठा सकेंगे. क्या ये छात्र बिहार या फिर देश की राजनीति में सक्रिय होने के बाद गरीबों-वंचितों और मजलूमों के आंसू पोछ सकेंगे.
बताते चलें कि पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में कुल 24395 छात्र-छात्राओं को मतदान का अधिकार मिला था. इनमें कितने लोगों ने मत का इस्तेमाल किया, यह थोड़ी देर में सामने आ जाएगा. पांच केंद्रीय पैनल और 26 काउंसलर पद के लिए चुनाव के नतीजे भी आज ही देर रात तक आ जाएंगे.