Touching Feet Benefits: सनातन परंपरा में अपनों से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद पाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. माता-पिता, गुरु या फिर किसी वरिष्ठ व्यक्ति के पैर छूने के पीछे आशीर्वाद पाने की कामना निहित है. बाल्यावस्था से ही बच्चों को यह गुण सिखाया जाता है. कोरोना काल में ऐसा देखा गया.जब संक्रमण का खतरा बढ़ रहा था, तो पूरी दुनिया ने भारतीय शैली में नमस्कार करने की विधि को अपनाया था. वर्तमान समय में भी लोग हाथ जोड़ कर एक दूसरे को नमस्कार करते हैं. जानकारों की मानें तो बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर प्रणाम करने से न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि कमर और पीठ दर्द में भी आराम मिलता है.
अपने से वरिष्ठजनों के चरण स्पर्श करने से स्वयं के भीतर नम्रता, दूसरों के प्रति आदर और विनय का भाव जागृत होता है.इसके साथ ही वरिष्ठ व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी उसके आशीर्वाद के रूप में आपके भीतर प्रवाह होता है.
ज्योतिष के अनुसार अपनों से बड़ों के पैर छूने से नवग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं. मान्यता है कि पिता के पैर छूने पर सूर्य, दादी, नानी, मां, चाची, मौसी, ताई, सास आदि के पैर छूने से चंद्र, बड़े भाई के पैर छूने से मंगल, बहन और बुआ के पैर छूने से बुध, गुरुओं, संतों, ब्राह्मणों के पैर छूने से बृहस्पति, बुजुर्गों के पैर छूने से केतु और भाभी के पैर छूने से शुक्र मजबूत होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने से कमर के ऊपरी भाग में रक्त संचार सही से होता है.इससे त्वचा और बालों की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है.इसके लिए रोजाना सुबह में माता पिता के पैर छूकर आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें.योग में चरणस्पर्श को साष्टांग प्रणाम कहा गया है.
पैरों में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो रहता है और ऐसे में जब हम किसी के पैर छूते हैं तो उसकी पॉजिटिव एनर्जी हमें मिल जाती है.इतना ही नहीं जब सामने वाला आशीर्वाद देने के लिए हमारे सिर पर हाथ रखता है तो दोनों के बीच एनर्जी का आदान-प्रदान होता है.पॉजिटिव एनर्जी हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं ये तो आप जानती ही हैं.
इस विधि में शरीर के सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए सीधे तन जाते हैं, जिससे शरीर का स्ट्रेस दूर होता है.इसके अलावा, झुकने से सिर का रक्त प्रवाह व्यवस्थित होता है जो हमारी आंखों के साथ ही पूरे शरीर के लिए लाभदायक है.