पश्चिम बंगाल में उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने राज्य सरकार को 12वीं की बोर्ड परीक्षा (एचएस) दो सेमेस्टर में कराने की सिफारिश की है. इसके लिए फर्स्ट सेमेस्टर परीक्षा के प्रश्नपत्र मल्टीपल च्वाइस फॉरमेट में तैयार करने का सुझाव दिया गया है. वहीं, दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा सब्जेक्टिव रूप में लेने का प्रस्ताव दिया गया है. यह प्रस्ताव तभी क्रियान्वित किया जा सकता है, जब राज्य सरकार के , स्कूल शिक्षा विभाग इस पर अपनी सहमति देगा या इसको स्वीकृति देगा.
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गौरतलब है कि सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड ने महामारी के दौरान 2021-22 में दसवीं व बारहवीं की परीक्षा के लिए सेमेस्टर पैटर्न शुरू किया था. बाद में दोनों बोर्ड ने सत्र 2022-23 की परीक्षा के लिए पैंडेमिक से पहले वाला सिंगल बोर्ड परीक्षा पैटर्न ही जारी रखने का फैसला किया. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में भी सेमेस्टर आधारित बोर्ड परीक्षा लेने का सुझाव दिया गया है. सबसे खास बात यह है। कि इस सिस्टम में छात्रों को बेहतर अंक पाने का दोबारा मौका मिलने की संभावना है.
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परिषद के अध्यक्ष डॉ चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि जब से काउंसिल ज्वाइन की, तब से वे दो सेमेस्टर में परीक्षा लेने के पक्ष में रहे हैं. यह परीक्षा पैटर्न विदेश में काफी लोकप्रिय है. उच्च माध्यमिक में परीक्षा का पैटर्न सेमेस्टर प्रणाली से होने से विद्यार्थियों का लगातार मूल्यांकन किया जा सकता है इसमें एक तो छात्र को अपने अंक सुधारने का एक और मौका मिल सकता है . अगर पहले सेमेस्टर में उसके अंक अच्छे नहीं आये हैं तो वह दूसरे में सुधार कर सकता है. जिस तरह जूनियर क्लास में नियमित मूल्यांकन प्रणाली जारी है, वैसे उच्च माध्यमिक में भी दो सेमेस्टर में परीक्षा ली जा सकती है. अगर स्कूल शिक्षा त हो विभाग स्वीकृति दे देता है तो काउंसिल 2023-24 के सत्र में यह नया सिस्टम शुरू करने के लिए तैयार है.
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